पटना : मीठापुर ग्रिड से कंकड़बाग पीएसएस तक जाने वाली 33 केवीए की फीडर लाइन अब न्यू बाइपास फोरलेेन से होकर जायेगी. इसके लिए नेशनल हाइवे ऑथोरिटी को पेसू के द्वारा मंगलवार को पत्र लिखा गया है. मीठापुर ग्रिड से कंकड़बाग फीडर जाने वाली लाइन वर्तमान में एक पतली गली से निकलती है.
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घनी आबादी से दूर न्यू बाइपास होकर जायेगा फीडर
पटना : मीठापुर ग्रिड से कंकड़बाग पीएसएस तक जाने वाली 33 केवीए की फीडर लाइन अब न्यू बाइपास फोरलेेन से होकर जायेगी. इसके लिए नेशनल हाइवे ऑथोरिटी को पेसू के द्वारा मंगलवार को पत्र लिखा गया है. मीठापुर ग्रिड से कंकड़बाग फीडर जाने वाली लाइन वर्तमान में एक पतली गली से निकलती है. मकानों के […]
मकानों के एकदम पास से हाइ वोल्टेज तार के निकलने के कारण इस फीडर में अक्सर ट्रिपिंग होती रहती है और दो दिन पहले यह एक बड़ी दुर्घटना की वजह भी बनी थी. इससे एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी, जबकि दो झुलस गये थे. इसे देखते हुए पेसू के अधिकारियों ने मामले पर काफी गंभीरता से विचार किया.
50 साल पहले बिछाया गया था फीडर
मीठापुर ग्रिड से कंकड़बाग पीएसएस तक जानेवाले 33 केवीए का वर्तमान फीडर 50 साल पहले बिछाया गया था, जब इस पूरे क्षेत्र में पेड़-पाैधे और गड्ढे-तालाब के सिवा कुछ नहीं था. लेकिन बाद में इस क्षेत्र में तेजी से आबादी बसती गयी और आज इतनी सघन हो चुकी है कि आसपास बने मकान के छज्जे हाइवोल्टेज तार के एकदम नजदीक आ चुके हैं.
प्रतिबंधित क्षेत्र में बने हैं 250 घर
मानक के अनुसार 33 केवीए के बिजली के तार के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर का खाली क्षेत्र (क्लियरेंस एरिया) होना चाहिए, लेकिन यह घट कर आधा मीटर भी नहीं रह गया है. कई जगह तो यह तार मकानों के बीच से ही जाती प्रतीत होती है.
ऐसे में घरों के ऊपर पसरे कपड़ों के फंसने से भी इसमें ट्रिपिंग हो जाती है. पूरे क्षेत्र में लगभग 250 ऐसे घर हैं, जो फीडर के प्रतिबंधित क्षेत्र (क्लियरेंस एरिया) में आते हैं. इतनी अधिक संख्या में मकानों को तोड़ना भी संभव नहीं है. लिहाजा पेसू ने इसके लिए अलग मार्ग ढूंढ़ना ही बेहतर समझा है.
अंडरग्राउंड केबल बिछाने की भी गुंजाइश नहीं
मीठापुर से विग्रहपुर और चांगर होते हुए 90 फुट तक के पूरे मार्ग में जहां से यह फीडर गुजरता है, कई जगह गली की चौड़ाई इतनी कम है कि उसमें अंडरग्राउंड केबल बिछाने वाली मशीन को ले जाना भी संभव नहीं है. इसलिए पेेसू के अधिकारियों को केबल को अंडरग्राउंड करने का विकल्प छोड़ना पड़ा.
न्यू बाइपास फोर लेन से होकर फीडर ले जाने के लिए नेशनल हाइवे ऑथोरिटी (एनएचए) को हमलोगों ने आज पत्र भेजा है. स्वीकृति मिल जाने पर 33 केवीए का वैकल्पिक फीडर वहीं से ले जाया जायेगा.
-अविनाश सिंह, विद्युत अधीक्षण
अभियंता, पेसू पूर्व
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