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पटना : अब आबादी और स्थान के हिसाब से होगा पेयजल योजना का मॉडल
पटना : राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पीने का पानी मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण निश्चय पेयजल योजना चलायी जा रही है. इसके क्रियान्वयन में बदलाव किया गया है. पहले किसी वार्ड या इलाके में पेयजल मुहैया कराने के लिए इंजीनियर से मॉडल तैयार करवाना पड़ता था. अलग-अलग क्षेत्रों के लिए विभिन्न मॉडल […]
पटना : राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पीने का पानी मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण निश्चय पेयजल योजना चलायी जा रही है. इसके क्रियान्वयन में बदलाव किया गया है. पहले किसी वार्ड या इलाके में पेयजल मुहैया कराने के लिए इंजीनियर से मॉडल तैयार करवाना पड़ता था. अलग-अलग क्षेत्रों के लिए विभिन्न मॉडल हुआ करते थे. परंतु अब इसमें पंचायती राज विभाग ने व्यापक बदलाव किया है.
अलग-अलग क्षेत्र के लिए विभिन्न तरह के मॉडल तैयार किये गये हैं. इस मॉडल के आधार पर कोई क्षेत्र आसानी से कार्य करवा सकते हैं. अलग-अलग एस्टीमेट बनवाने की आवश्यकता नहीं है. विभाग की तरफ से तैयार किये गये मॉडल एस्टीमेट के आधार पर पंचायत स्तर पर ही इस मॉडल का अनुसरण करते हुए यह कार्य आसानी से करवाया जा सकता है.
किसी इंजीनियर से सलाह लेने या हर बार एस्टीमेट बनवाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. विभाग की इस नयी पहल से पेयजल योजना में इंजीनियरों पर बहुत ज्यादा आश्रित रहना नहीं पड़ेगा. इससे कार्य में गति आयेगी. विभाग के स्तर से जो मॉडल एस्टीमेट तैयार किये गये हैं, वह मुख्य रूप से छह श्रेणी के हैं. 100 घर वाले कोई गांव या बसावट के अलावा 125 घर, 175 घर, 200, 225 और 250 घर के लिए मॉडल एस्टीमेट बनाये गये हैं.
अगर किसी गांव की आबादी 75 है, तो वहां 100 घर वाला मॉडल उपयोग होगा. इसी तरह संबंधित मॉडल के आसपास की आबादी वाले घर के हिसाब से ही मॉडल एस्टीमेट को अपनाकर कार्य करवाये जायेंगे. 250 से ज्यादा घर वाले गांव के लिए यही मॉडल उपयोग में लाया जायेगा.
मुख्यमंत्री ग्रामीण निश्चय पेयजल योजना के कार्यान्वयन का प्रारूप बदला
अब सिर्फ कोटेशन लेकर भी करवा सकते काम : पेयजल योजना के तहत काम करवाने के लिए सामान खरीदने के नाम पर अभी ठेकेदारों को एडवांस देने की सुविधा मौजूद है, लेकिन कई स्थानों से यह खबर मिली कि एडवांस लेकर ठेकेदार या काम करने वाली एजेंसी फरार हो गयी है. कई मामलों में सामान खरीदने के लिए बनी कमेटी की भी मिलीभगत सामने आयी है. इस समस्या से निजात पाने के लिए अब यह व्यवस्था कर दी गयी है कि इस योजना में सिर्फ कोटेशन लेकर ही काम शुरू करवा सकते हैं.
सामान खरीदने वाली कमेटी पाइप समेत अन्य किसी सामान का कोटेशन लेकर ही काम शुरू करवा सकती है. इसमें किसी तरह के एडवांस देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में अब तक 10 हजार वार्ड के 13 लाख घरों तक पेयजल की सुविधा मुहैया करवा दी गयी है.
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