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विश्वविद्यालय कर्मियों को सातवां वेतनमान जल्द: सीएम नीतीश कुमार

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ जल्द दे दिया जायेगा. उन्होंने शिक्षा विभाग से कहा कि वह इससे संबंधित कमेटी का गठन करके जल्द ही इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को दे. इस रिपोर्ट की अनुशंसाएं लागू करने के लिए सरकार तैयार है. मुख्यमंत्री […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ जल्द दे दिया जायेगा. उन्होंने शिक्षा विभाग से कहा कि वह इससे संबंधित कमेटी का गठन करके जल्द ही इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को दे. इस रिपोर्ट की अनुशंसाएं लागू करने के लिए सरकार तैयार है. मुख्यमंत्री सोमवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में नवसृजित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान उन्होंने इस विश्वविद्यालय के लोगो (प्रतीक चिह्न), वेबसाइट, मैगजीन, कुलगीत समेत अन्य सभी महत्वपूर्ण चीजों काे जारी किया. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों और छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षक सिर्फ पढ़ाने का काम करें और छात्र सिर्फ पढ़ने का काम करें. बाकी की चिंता करने के लिए हम मौजूद हैं. शिक्षक अपनी चिंता छोड़कर विद्यार्थियों की चिंता करें, लेकिन जब शिक्षक अपनी चिंता करने लगते हैं, तो हम मौन धारण कर लेते हैं.
अगर वे छात्र की चिंता करेंगे, तो हम आपकी तरफ देखेंगे और आपकी हर तरह से चिंता करेंगे. वेतनवृद्धि से लेकर अन्य किसी तरह की जरूरत के बारे में सोचने की आवश्यकता नहीं है. इन सभी जरूरतों को सरकार पूरा करेगी. नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षकों का एक ही धर्म होना चाहिए, छात्र-छात्राओं का ध्यान रखने का, ताकि बिहार के गौरव को फिर से प्राप्त किया जा सके. एक समय था, जब बिहार के ज्ञान की चर्चा पूरी दुनिया में होती थी.
पूरी दुनिया से लोग यहां पढ़ने आते थे. लेकिन समय के साथ इसमें गिरावट आयी और आज हम पीछे हो गये हैं. इस खोये हुए ज्ञान और गौरव को फिर से प्राप्त करने में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का योगदान सबसे अनूठा होगा. इसका नाम ऐतिहासिक है, तो काम भी ऐतिहासिक होना चाहिए. इतिहास से जुड़े इस नाम से सीख लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है. इससे 25 अंगीभूत, दो सरकारी, 75 संबद्ध और पांच अल्पसंख्यक कॉलेज इससे जुड़े हुए हैं. इसमें कई ऐतिहासिक और प्रसिद्ध कॉलेज शामिल हैं. इसे आगे बढ़ाने में पुराने कॉलेजों की बड़ी जिम्मेदारी है.
विश्वविद्यालय में सत्र देर नहीं हो
सीएम कहा कि मेरी रुचि शिक्षा की गुणवत्ता और स्टैंडर्ड सुधारने में है. हर विश्वविद्यालय का अपना एकेडमिक कैलेंडर हो, जिसका पालन होना चाहिए. कोई भी सत्र देर नहीं हो. शिक्षा में सुधार के लिए यह जरूरी है. उन्होंने कहा कि आजकल समाज में तनाव का माहौल बन रहा है. कुछ लोग उलटा-सीधा बयानबाजी करके इसे बढ़ा रहे हैं. इससे बचने की जरूरत है. लेकिन शिक्षा का मूल मकसद भड़कना और भड़काना नहीं है. शांति और प्यार का माहौल होना चाहिए. पाटलिपुत्र विवि में सद्भावना, प्रेम, सम्मान और भाईचारा का माहौल हो. सिर्फ किताबी ज्ञान ही काफी नहीं. इसके इतर भी ज्ञान होना चाहिए, जिससे समाज में सम्मान का माहौल उत्पन्न हो.
जीईआर 30% पाने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड किया शुरू
सीएम ने कहा कि राज्य में 12वीं के बाद जीईआर (ग्राॅस एनरॉलमेंट रेशियो) महज 13 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 24 फीसदी का है. इसे बढ़ाकर 30 फीसदी से ज्यादा करने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गयी है, ताकि उच्च शिक्षा पाने में छात्रों को किसी तरह की आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़े.
बैंक के स्तर पर घोर लापरवाही के कारण जब योजना गति नहीं पकड़ पायी, तो सरकार ने वित्त निगम का गठन करके अपने खजाने से लोन देने की व्यवस्था शुरू की है. अगर इसके जरिये चार लाख तक मिलने वाले ऋण को कोई लौटाने में सक्षम नहीं है, तो उसके कर्ज को माफ कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इन तमाम कोशिशों का एकमात्र मकसद है कि छात्र पढ़ें और ऊंची शिक्षा प्राप्त करें.
सीआईएमपी में फिलहाल जगह दी जायेगी इसे
सीएम ने कहा कि इस नवगठित विवि को सीआईएमपी (चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान) में फिलहाल जगह दी जायेगी, क्योंकि इतनी अतिरिक्त जगह अन्य किसी संस्थान के पास नहीं है. बाद में फिर इसे अन्य कहीं स्थापित करने पर विचार किया जायेगा. विवि के लिए पटना और इसके आसपास 300 एकड़ जमीन मिलना संभव नहीं है. आइडिया ऐसा होना चाहिए, जो व्यावहारिक हो.
Prabhat Khabar Digital Desk
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