छात्रावास में रहने वाले छात्रों को रात 11 बजे तक नहीं मिलता भोजन
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
एमआइटी में बीते वर्ष दिसंबर के अंतिम सप्ताह से छात्रावास संख्या-3 और 4 के लिए मेस का संचालन नहीं हो रहा है. मेस संख्या एक से भोजन तैयार होकर आता है. करीब 90 से अधिक छात्र छात्रावास में रहते हैं, लेकिन केवल 20 को ही भोजन उपलब्ध हो पाता है. पहले आओ- पहले पाओ के आधार पर भोजन मिनटों में ही समाप्त हो जाता है. इस कारण छात्रों को कभी भूखा रहना पड़ता है तो कभी बिस्कुट, कोल्डड्रिंक और ब्रेड के सहारे रात काटनी पड़ती है. करीब चार महीने से यही स्थिति बनी हुई है. वहीं एमआइटी में छात्रावास में रहने वाले छात्रों को रात 11 बजे तक भोजन नहीं मिलता है. छात्रावास में रहने वाले फाइनल इयर के छात्रों ने बताया कि इसकी शिकायत पिछले दिनों प्राचार्य से की है, लेकिन स्थिति सुधरने की बजाय बद से बदतर हो गयी है. वहीं छात्रावास संख्या तीन औ चार में रहने वाले विद्यार्थियों ने मेस संचालन की स्थायी व्यवस्था नहीं होने तक छात्रावास को कुछ दिनों के लिए बंद रखने का अनुरोध किया है. साथ ही इस अवधि में सभी विद्यार्थियों को 100 प्रतिशत उपस्थिति मानी जाए. अगर शुक्रवार तक काॅलेज प्रशासन की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है तो वे कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे. इसके साथ ही मेस की टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगा है. पिछले तीन से चार महीनों में एमआइटी में ठप पड़े मेस के संचालन के लिए टेंडर जारी किया गया, लेकिन उसमें पारदर्शिता नहीं बरती गयी. इस तरह का भी मामला सामने आया है.
चीफ वार्डन, प्रभारी प्राचार्य ने लिया जायजा
बुधवार को छात्रों के हंगामा और मेस में घटिया भोजन परोसे जाने की शिकायत पर चीफ वार्डन, प्रभारी प्राचार्य समेत अन्य ने मेस पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद विद्यार्थियों ने आवेदन दिया. इस पर निरीक्षण दल ने यह लिखा है कि जब शिक्षक छात्रों की शिकायत पर जब प्रभारी प्राचार्य, चीफ वार्डन और वार्डन छात्रावास तीन और चार पहुंचे तो स्थिति काफी दयनीय मिली. रात के 11 बजे तक भी छात्रों के लिए खाना नहीं आया है. उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
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