सूर्यगढ़ा. प्रखंड के गोपालपुर निवासी स्व जगदीश शर्मा की पत्नी सुमित्रा देवी के संघर्ष की कहानी आज भी स्थानीय लोगों की जुबान पर है. जिला पार्षद गोपालपुर निवासी रिंकू देवी, उनके पति यश लोक सेवा संगठन के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सिंह, शिक्षक अजीत कुमार, ग्रामीण अर्जुन साव आदि के मुताबिक सुमित्रा देवी लगभग 35 वर्ष की थी, तभी उनके पति की मौत हो गयी. छह बच्चों की जिम्मेवारी उनके कं धों पर आ गयी. खेती के लिए मात्र ढ़ाई बीघा जमीन था. ग्रामीणों एवं अपने परिजनों के सहयोग एवं अपने संघर्ष की बदौलत उन्होंने अपने चार पुत्रों को ऊंचे ओहदे पर काबिज करने में सफलता पायी. छोटा पुत्र जो मुंबई में कस्टम अफसर था, उसकी एक वर्ष पूर्व दुर्भाग्य वश मौत हो गयी. पिता की मौत के समय उनका बड़ा पुत्र गोपाल शर्मा बेसिक स्कूल सूर्यगढ़ा में 8 वीं कक्षा का छात्र था. पति क ी मौत के बाद सुमित्रा देवी ने हार नहीं मानी. गरीबी से उनका गहरा रिश्ता रहा. आधा पेट खाकर भी उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. बाद में बड़े पुत्र गोपाल ने प्रवेश परीक्षा पास कर नेतरहट आवासीय विद्यालय में दाखिला लिया. उसने एनडीए की परीक्षा पास कर सेना में योगदान दिया और कर्नल के पद पर कार्यरत है. दूसरा पुत्र पप्पू शर्मा चितरंजन रेल कारखाना में कार्यरत है. तीसरा पुत्र कृपाल शर्मा आर्मी में दिल्ली में सेवा दे रहा है. जबकि छोटे पुत्र कस्टम ऑफिसर था. वहीं अपनी दोनों पुत्रियों को अपने से ऊंचे घराने में शादी कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया. अपने छोटे बेटे की मौत से सुमित्रा देवी आज तक उबर नहीं पायी है.
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संघर्ष कर बेटे को बनाया कर्नल
सूर्यगढ़ा. प्रखंड के गोपालपुर निवासी स्व जगदीश शर्मा की पत्नी सुमित्रा देवी के संघर्ष की कहानी आज भी स्थानीय लोगों की जुबान पर है. जिला पार्षद गोपालपुर निवासी रिंकू देवी, उनके पति यश लोक सेवा संगठन के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सिंह, शिक्षक अजीत कुमार, ग्रामीण अर्जुन साव आदि के मुताबिक सुमित्रा देवी लगभग 35 वर्ष […]
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