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300 रुपये दो, रसीद ले जाओ

जिले के विभिन्न विद्यालयों में इन दिनों प्रोत्साहन राशि बांटने का सिलसिला जारी है. लेकिन शायद ही किसी विद्यालय में प्रधानों द्वारा साइकिल के लिए दी जा रही प्रोत्साहन राशि के एवज में छात्रों से साइकिल दिखाने की बात कही जा रही हो. विद्यालय प्रधानों द्वारा विद्यार्थियों से सिर्फ साइकिल दुकानों की रसीद की ही […]

जिले के विभिन्न विद्यालयों में इन दिनों प्रोत्साहन राशि बांटने का सिलसिला जारी है. लेकिन शायद ही किसी विद्यालय में प्रधानों द्वारा साइकिल के लिए दी जा रही प्रोत्साहन राशि के एवज में छात्रों से साइकिल दिखाने की बात कही जा रही हो. विद्यालय प्रधानों द्वारा विद्यार्थियों से सिर्फ साइकिल दुकानों की रसीद की ही मांग की जा रही है और रसीद दिखाने के बाद राशि का भुगतान कर दिया जा रहा है. सरकार जिस मंशा से विद्यार्थियों को साइकिल खरीदने के लिए राशि का भुगतान कर रही है, वह पूरी नहीं हो रही.

लखीसराय: दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय में अभाविप के हंगामे के बाद यह बातें सामने आयी थी कि विद्यालय के शिक्षकों द्वारा साइकिल की रसीद उपलब्ध कराने के एवज में तीन-तीन सौ रुपये लिये जा रहे थे. और विद्यालय में प्रोत्साहन राशि के वितरण की निर्धारित तिथि से पूर्व ही राशि का वितरण गुपचुप तरीके से किया जा रहा था. जिस पर बीइओ कैलाश प्रसाद द्वारा विद्यालय के शिक्षकों को फटकार भी लगायी गयी थी.

जांच से होगा खुलासा

बीइओ कैलाश प्रसाद द्वारा बताया गया था कि लखीसराय में कुल सात साइकिल दुकान हैं, जो रजिस्टर हैं. इन सात दुकानों से ही साइकिल खरीद के बाद राशि का भुगतान किया जायेगा. अभाविप के जिला संयोजक राजेश कुमार ने कहा कि जो सात दुकानें इसके लिए चिह्न्ति की गयी हैं. उसकी बिक्री रिकार्ड व लखीसराय में साइकिल प्रोत्साहन राशि के लाभान्वित विद्यार्थियों की सूची की जांच करायी जाये, तो मामले का खुलासा हो जायेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी

जिला शिक्षा पदाधिकारी त्रिलोकी सिंह ने बताया कि प्रोत्साहन राशि वितरण में काफी प्रावधान हैं. रसीद के साथ पोशाक या साइकिल राशि देने का प्रावधान है. परंतु बच्चे के अभिभावकों से पूर्व में घोषणा पत्र ले लिया जाता है कि राशि का दुरुपयोग अन्य चीजों में नहीं किया जायेगा. अगर दुरुपयोग किया गया तो वे दंड के भागीदार होंगे. श्री सिंह ने कहा कि अगर शिकायत मिली तो कार्रवाई की जायेगी.

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