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हम चैन से रहें, इसलिए ठंड की फिक्र किये बगैर कुछ लोग करते हैं काम

कड़ाके की ठंड में भी सेवा करने का जज्बा भभुआ सदर : इन दिनों कड़ाके की ठंड व शीतलहर की चपेट में पूरा इलाका है. बुधवार को अधिकतम तापमान हालांकि 20 से ऊपर पहुंच गया है. लेकिन, न्यू्नतम अभी भी आठ डिग्री के आसपास बना हुआ है, जिसके चलते ठंड से हाड़ कांप रहे हैं. […]

कड़ाके की ठंड में भी सेवा करने का जज्बा

भभुआ सदर : इन दिनों कड़ाके की ठंड व शीतलहर की चपेट में पूरा इलाका है. बुधवार को अधिकतम तापमान हालांकि 20 से ऊपर पहुंच गया है. लेकिन, न्यू्नतम अभी भी आठ डिग्री के आसपास बना हुआ है, जिसके चलते ठंड से हाड़ कांप रहे हैं. स्कूल तो खुले हैं, लेकिन स्कूल में बच्चों की संख्या कम रह रही है. ठंड के चलते दोपहर तक बाजार में कुछ भीड़ होती है, लेकिन जैसे ही सूर्य की रौशनी कम होने लगती है. बाजार में फिर सन्नाटा छा जाता है.
इधर, ठंड की आक्रमकता से पूरे कैमूर जिले का जनजीवन ठप सा हो चला है. घर के कमरे में रजाई या गर्म कपड़ों के साथ हीटर की सुविधा कुछ पल को हटते ही जहां हमारी हालत खस्ती व पतली हो जा रही. लेकिन, समाज में एक ऐसा भी बड़ा वर्ग है, जो बिना किसी मौसम अब चाहे वह गर्मी हो या जाड़ा किसी की परवाह किये बगैर हमारी आपकी सुविधा के लिए रात दिन एक कर रहा है, जिन्हें ठंड की परवाह नहीं है.
भईया ठंडा केकरा ना लगेला, पर सफाई ना करल जाई त शहरियों नरक हो जाई : कुछ ऐसे ही लोगों में हैं नगर पर्षद के सफाई कर्मी मोती राम. इस कड़ाके की ठंड में भी बुधवार को अपने साथी रामविलास के साथ नाला से निकले कचरे की सफाई करा रहे थे. दोनों के पैर में जूते नहीं थे. हाथ में दस्ताने भी नहीं थे, पर दोनों काम में लगे थे. पूछे जाने पर कि इस ठंड में काम करने में दिक्कत नहीं हो रही है, तो दोनों ने कहा कि ‘भईया ठंडा केके ना लगेला, परेशानी त हइए बा, लेकिन साफ सफाई ना करल जाई त शहरियों ना नरक हो जाई.’ उनका कहना था कि सिर्फ मेरे दिक्कत से सबको फायदा होता है, तो इतनी दिक्कत स्वीकार है. ठंड में दिक्कत तो है, पर लोगों का भरोसा कैसे तोड़ें.
कोहरे में बस निकालने से पहले करते हैं प्रार्थना : कोहरे और ठंड में समय पर बस आ रही है और जा रही है. कैसे हो रहा यह सब और इसके चालक कैसे कर रहे पूछे जाने पर देर शाम भभुआ से कोलकाता जानेवाले बस के चालक राजेंद्र ने बताया कि बहुत परेशानी है. कुछ दिखता नहीं. बस में सब सोये रहते हैं, पर अपनी पलक नहीं झपके इसके लिए रोज सुबह भगवान से प्रार्थना करते है. कुहासा के चलते 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बस चलाते हैं. ठंड लगती है, पर ज्यादा ख्याल अपने साथ उन लोगों के परिवार का आता है, जो मेरे भरोसे बस में सोये या बैठे सफर कर रहे हैं. इसलिए चाहे कुछ हो जाये, सुरक्षित सफर पूरा कराता हूं.
पास में मिले शहर के रहनेवाले व ट्रक चालक मनोज लोहार का कहना था ठंड पड़े चाहे कुहासा अगर पार्टी का माल समय पर नहीं पहुंचा, तो मैं फिर बेकार हूं. रोज सैकड़ों ट्रक सड़कों पर दौड़ते हैं. अनजान रास्ते, पर लक्ष्य और समय तय होता है. हर हाल में जगह पर माल पहुंचाना. रास्ते की भी पहचान नहीं, ऊपर से जानलेवा कोहरा और ठंड. क्या ख्याल आता है मन में, पूछने पर हर दिन अपनी ट्रक के साथ यात्रा करनेवाले संतोष कुमार कहते हैं कि रोज नया सफर है, पर मन में यही रहता है कि हर हाल में समय पर सामान पहुंचाना है. कई बार खाना नहीं मिलता, कही कही सड़कें भी टूटी होने के कारण गाड़ी भी खराब होती है, पर माल को समय पर नहीं पहुंचाया तो फिर जीना क्या. लोगों की चले गाड़ी, तो अपनी भी जिंदगी चलेगी.
ठंड का क्या है किसी तरह काट लेंगे
शहर के कोहिनूर पेट्रोल पंप पर काम करने वाले वार्ड संख्या 18 के संजय कुमार ने कहा कि ठंड तो लगती है. लेकिन, काम करना भी तो जरूरी है. पंप पर ड्यूटी लगी है. देर रात में आने वाली गाड़ियों में पेट्रोल डीजल भरते हैं. जिंदगी इसी के भरोसे चलती है. घर परिवार सब कुछ इसी नौकरी के भरोसे चल रहा है. ठंड का क्या है किसी तरह काट लेते हैं. पिछले कुछ दिनों से ठंड बढ़ने से थोड़ी असुविधा तो हो ही रही है. हालांकि ठंड और कुहासे के कारण गाड़ियां कम ही आ रही हैं. सबकी सुरक्षा होगी तभी हम भी रह सकेंगे.
परवाह किये बगैर मुहल्लों में लाठी पीटते हैं सुभाष श्रेष्ठ
नेपाल के बीरगंज से आकर शहर में रातों को जागते रहो का आवाज लगनेवाले सुभाष श्रेष्ठ रात भर जग कर मुहल्ले वासियों को सुरक्षा देते हैं. इस ठंड में भी वे हर रात को अपने काम पर मुस्तैद रहते हैं. उन्होंने चार बजे सुबह जब इतनी ठंड में भी मुहल्ले की सुरक्षा में लगे होने पर उसने बताया कि ठंड में चोरी की घटनाएं बढ़ जाती है. इस कारण सजगता और सतर्कता बरतनी पड़ती है. ठंड तो लगती है लेकिन जिंदगी की गाड़ी चलाने के लिए नौकरी करनी भी तो जरूरी है. ठंड से बचाव के लिए स्वेटर जैकेट रखते हैं. घंटे-घंटे पर राउंड लगाना पड़ता है, नींद नहीं आये इसका ध्यान रखते हैं.

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