जमुई. महिला संवाद अब सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिलाओं की बुलंद आवाज बन चुका है. ग्रामीण विकास विभाग की इस पहल ने महिलाओं को अपनी बात खुलकर रखने का मंच दिया है. रविवार को जिले के सभी 22 गांवों में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं के साथ-साथ स्कूली बच्चियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपने मन की बातें साझा कीं. रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद महिलाओं की भारी भागीदारी देखने को मिली. कार्यक्रम के दौरान घरेलू हिंसा, बाल विवाह उन्मूलन और बच्चों की शिक्षा को लेकर महिलाओं को शपथ भी दिलाई गई. जिले में महिला संवाद के 10वें दिन तक कुल 209 जीविका महिला ग्राम संगठनों में कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है. अब तक दो हजार से ज्यादा आकांक्षाएं सामने आ चुकी हैं, जिन्हें मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज किया जा रहा है. महिलाएं इस पहल को सराहनीय बता रही हैं और कहती हैं कि पहले गांव के विकास में उनकी राय नहीं ली जाती थी, लेकिन अब महिला संवाद ने उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया है. चकाई प्रखंड में अधिकतर महिलाओं ने पेयजल समस्या उठाई, वहीं सदर प्रखंड में लघु कुटीर उद्योग की मांग की गई. इसके अलावा जल-जमाव की समस्या और पंचायत स्तर पर सिलाई केंद्र खोलने, मनरेगा मजदूरी बढ़ाकर 500 रुपये करने जैसी मांगें भी सामने आई हैं. गौरतलब है कि महिला संवाद का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और गांवों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करना है. राज्य के सभी जिलों में यह कार्यक्रम लगातार जारी है. जमुई में जीविका द्वारा संचालित कुल 1245 ग्राम संगठनों में 14 जून तक सुबह-शाम दोनों पालियों में इसका आयोजन किया जायेगा.
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