सरौन-चकाई. चकाई परियोजना व माधोपुर में 7वें पोषण पखवारा का समापन समारोह का आयोजन जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रश्मि रंजन की अध्यक्षता में किया गया. आयोजक की भूमिका बाल विकास परियोजना पदाधिकारी चकाई ज्योति कुमारी ने निभायी. इस मौके पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रश्मि रंजन ने जीवन के प्रथम 1000 दिन के महत्व के बारे में बताया कि बच्चों का विकास मां के गर्भ में एवं प्रथम दो साल में विकास सबसे तेजी से होता है. मस्तिष्क का 80 प्रतिशत विकास जीवन के प्रथम 1000 दिनों में ही हो जाता है, इसलिए गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं दो साल तक के बच्चों को संपूर्ण संतुलित आहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, वृद्धि निगरानी, समुदाय आधारित गंभीर कुपोषण के प्रबंधन से एक स्वस्थ बचपन की नींव डाली जा सकती है. उपस्थित लोगों को यह भी जानकारी दी गई कि पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से बच्चों के वृद्धि निगरानी, कुपोषण स्तर, पूरक पोषाहार, टीकाकरण, स्कूल पूर्व शिक्षा की सतत निगरानी की जाती है एवं उसके अनुरूप फॉलोअप भी किया जाता है. मिशन लाइफ के माध्यम से बच्चों एवं उनके परिवार को प्रकृति संरक्षण एवं स्थानीय स्वास्थ्य वर्धक खानपान से जोड़ा जा रहा है जिससे बच्चों में मोटापा को रोका जा सके. जो आगे चलकर डायबिटीज, हाइपर टेंशन, हार्मोनल असंतुलन, स्ट्रेस एवं कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है. साथ ही मोटे अनाज, स्थानीय मौसमी फल सब्जियों के उपयोग एवं उसके फायदे पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई. इस अवसर पर सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला समन्वयक, प्रखंड समन्वयक, महिला पर्यवेक्षक सेविका, सहायिका एवं सैकड़ों की संख्या मे लाभार्थी उपस्थित थे.
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