तकनीकी अभियंताओं के बीच आपस में समन्वय नहीं
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कार्यपालक अभियंताओं को कार्यों की स्थिति का पता नहीं
तकनीकी अभियंताओं के बीच आपस में समन्वय नहीं एक-दूसरे को पत्र लिख करकरते हैं औपचारिकता पूरी डीएम की बैठक में खुली अभियंताओं की कलई नाराज दिखे डीएम, कहा- संवेदनशील व तत्पर रहें दरभंगा :डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंताओं से कहा है कि वे लोग स्वयं भी साइट पर जायें. योजनाओं […]
एक-दूसरे को पत्र लिख करकरते हैं औपचारिकता पूरी
डीएम की बैठक में खुली अभियंताओं की कलई
नाराज दिखे डीएम, कहा- संवेदनशील व तत्पर रहें
दरभंगा :डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंताओं से कहा है कि वे लोग स्वयं भी साइट पर जायें. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जो जमीन उपलब्ध करायी गई है, इसकी उपयुक्तता का पूर्व में ही आकलन कर सुनिश्चित हो लें, ताकि योजना के क्रियान्वयन के वक्त अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न नहीं हो.
कहा कि समीक्षा बैठको में प्रायः यह देखा जाता है कि योजना के लिए जमीन चिन्ह्ति हो जाने के बाद कार्यकारी एजेंसी तरह-तरह की समस्या बताकर निर्माण कार्य प्रारंभ करने में विलंब करती है. इसके चलते समय एवं ऊर्जा की नाहक बर्बादी होती है. डीएम अपने कार्यालय कक्ष में अभियंताओं के साथ बैठक कर रहे थे.
बैठक में भवन संरचना प्रमण्डल, पथ प्रमण्डल, लघु जल संसाधन प्रमण्डल, बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना निगम, भवन निर्माण विभाग, बिहार चिकित्सा सेवाएं आधारभूत संरचना निगम के कार्यपालक अभियंता/प्रबंधक अपने विभागों में चल रही कई योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अनभिज्ञ पाये गये. यहीं नहीं विभागों के बीच समन्वय की साफ कमी देखी गई. एक-दूसरे को पत्र लिखकर अधिकारी औपचारिकता भर पूरी कर रहे हैं. योजनाओं को तेज गति देने में सभी उदासीनता दिखे. प्रशासी विभागों द्वारा योजनाओं का फोलो-अप भी नहीं किया गया. इसके चलते कई योजनाएं यूं ही पड़ी हुई पाई गई.
डीएम ने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी जतायी. कहा कि कार्यकारी एजेंसी को प्रत्येक योजना के क्रियान्वयन के लिए पूर्ण संवेदनशील एवं तत्पर रहना होगा. अगर संवेदक के स्तर से कमी पायी जाती है, तो तत्क्षण उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. योजनाओं को लटकाकर रखने पर सारी जवाबदेही कार्यकारी एजेसी पर फिक्स होगी.
उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी.. डीएम ने कार्यपालक अभियंता, भवन संरचना प्रमण्डल को एएनएम कॉलेज सह हॉस्टल, आइटीआइ भवन, डाटा सेन्टर, चन्द्रधारी संग्रहालय का सौंदर्यीकरण, कृषि उत्पादन बाजार समिति की चहारदीवारी एवं नाला निर्माण, पशुपालन विभाग का शोध केन्द्र, वाणेश्वरी मंदिर में यात्री शेड, पीने के पानी की व्यवस्था, सद्भावना मंडप आदि योजनाओं का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने को कहा.जल जीवन हरियाली योजना के तहत प्रथम चरण में कुल 306 सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन स्ट्रक्चर लगाने का दायित्व मिले होने के बाद भी भवन संरचना प्रमण्डल द्वारा इस दिशा में कोई प्रगति नहीं पायी गयी.
जिलाधिकारी द्वारा इस पर अप्रसन्नता जाहिर की गयी. अगले एक पक्ष में कार्य में अपेक्षित सुधार नहीं पाये जाने पर कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी डीएम ने दी.
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