आक्रोश. इंटर रिजल्ट को लेकर आइसा और इनौस के छात्रों ने रोकी रेल
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45 मिनट तक रुकी रही संघमित्रा
आक्रोश. इंटर रिजल्ट को लेकर आइसा और इनौस के छात्रों ने रोकी रेल आरा : वामपंथी दलों के छात्र संगठनों द्वारा बिहार बंद के आह्वान पर गुरुवार को आरा रेलवे स्टेशन पर आइसा और इनौस के छात्र संगठनों ने रेल चक्का जाम कर दिया. आरा रेलवे स्टेशन पर संघमित्रा एक्सप्रेस को रोक कर छात्र संगठन […]
आरा : वामपंथी दलों के छात्र संगठनों द्वारा बिहार बंद के आह्वान पर गुरुवार को आरा रेलवे स्टेशन पर आइसा और इनौस के छात्र संगठनों ने रेल चक्का जाम कर दिया. आरा रेलवे स्टेशन पर संघमित्रा एक्सप्रेस को रोक कर छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार विरोधी नारे लगाये गये. इस दौरान छात्रों ने बिहार के इंटरमीडिएट में खराब रिजल्ट आने के कारण सरकार को दोषी ठहराते हुए उनके विरुद्ध जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की. लगभग 45 मिनट तक संघमित्रा एक्सप्रेस आरा स्टेशन पर खड़ी रही. बाद में स्थानीय प्रशासन के आश्वासन पर प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठन के लोगों ने रेलवे ट्रैक को खाली कर दिया.
इसको लेकर स्थानीय प्रशासन को लिखित आवेदन भी दिया गया.
गुरुवार की सुबह लगभग 8 बजे इनौस व आइसा के सैकड़ों कार्यकर्ता वामपंथी छात्र संगठनों के आह्वान राज व्यापी कार्यक्रम बिहार बंद के तहत आरा स्टेशन पहुंच गये. जैसे ही संघमित्रा एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंची दर्जनों की संख्या में आइसा- इनौस के कार्यकर्ता ट्रेन के इंजन पर चढ़ गये और नारेबाजी करने लगे. छात्र नेताओं को हटाने पहुंची पुलिस के साथ भी हल्की नोकझोंक हुई. इसकी वजह से स्टेशन परिसर में अफरातफरी का माहौल कायम रहा.
टॉपर्स घोटाला और पेपर लीक की चल रही है सरकार : ट्रेन रोकने के बाद वहां एक सभा भी की गयी. सभा का संचालन आइसा जिलाध्यक्ष राजू राज ने किया. सभा को संबोधित करते हुए इनौस के राज्यध्यक्ष मनोज मंजिल ने कहा कि बिहार में सामाजिक न्याय नहीं बल्कि टॉपर्स घोटाला और पेपर लीक की सरकार चल रही है.
बिहार के अंदर परीक्षाओं के आयोजन का मामला हो या फिर आम शिक्षा का सवाल. छात्रों की परेशानियों से सरकार का कोई सरोकार नहीं रह गया है. टॉपर्स घोटाला, बीएसएससी घोटाला आदि घोटालों और कई परीक्षा फलों में हुई गलतियों ने साफ कर दिया है कि सरकार शिक्षा के साथ अपराधी खिलवाड़ कर रही है. इसे पैसा कमाने का धंधा बना लिया है. अब जब इंटर परीक्षा फल के प्रकाशन के बाद पूरे बिहार में छात्रों का आंदोलन फूट पड़ा है तो सरकार उसे डैमेज कंट्रोल के नाम पर स्क्रूटनी के बहाने छात्रों का आर्थिक शोषण कर रही है. बिहार के छात्र संगठन इसे कतई बरदाश्त नहीं करेंगे.
इन तमाम चीजों को लेकर जब छात्र सड़क पर उतरते है तो उनकी बात शांति से नहीं सुनी जाती है बल्कि उन पर लाठियां चटकाई जाती है. उनकी बातों को सुनने के बजाये सरकार उन पर जुल्म ढहाती है. लाठी चलाना कहां का न्याय है. हमारी मांग है कि कॉपियों का नि:शुल्क पुर्नमूल्यांकन कराये और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और बिहार बोर्ड के अध्यक्ष को बरखास्त किया जाये. वहीं पीरो में मनीर आलम के नेतृत्व में जाम किया गया और अगिआंव में संजय राम के नेतृत्व में सड़क जाम किया गया. कार्यक्रम के दौरान इनौस के राज्यध्यक्ष मनोज मंजिल, आइसा के जिला सचिव सबीर, जिलाध्यक्ष पप्पू, इनौस के नेता चंदन संदीप, निरंजन, संजय साजन, रंजन, अभिषेक, रंजीत, चंदन, रंजन, उज्जवल, अभय सहित सैकड़ों छात्र संगठन के नेता उपस्थित थे.
सरकार नि:शुल्क जांच कर रिजल्ट को करे प्रकाशित : सभा को संबोधित करते हुए छात्र संगठन के नेताओं ने कहा कि इंटर परीक्षा में कॉपियों की जांच को लेकर राज्य सरकार पहले 120 रुपया शुल्क निर्धारित की थी. जब छात्रों का आक्रोश पूरे बिहार में फूट पड़ा तब शुल्क को 70 रुपया कर दिया गया. छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं से नि:शुल्क जांच कराने की मांग की है.
तीन दिन पहले हुई घटना को लेकर पुलिस रही अलर्ट
आरा रेलवे स्टेशन पर तीन दिन पहले ट्रेन पर हुए पथराव की घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन के टीम पहले से ही अलर्ट थी. आइसा व इनौस के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मद्दे नजर स्टेशन परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. सुबह से ही आरपीएफ, जीआरपी और नवादा थाना की पुलिस स्टेशन परिसर में तैनात थी. इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस बल के जवानों की भी तैनाती की गयी थी. बतादें कि 6 जून को स्टेशन पर छात्रों के द्वारा भयंकर उत्पात मचाया गया था.
छात्रों ने ट्रेन पर पथराव किया था, जिसमें तीन दर्जन यात्री घायल हो गये थे.
रेल रोकने के बाद कार्यकर्ताओं ने किया सड़क जाम
रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकने के बाद कार्यकर्ताओं द्वारा स्टेशन परिसर से एक मार्च का आयोजन किया, जो पूरे शहर में होते हुए पूर्वी गुमटी पहुंचा. जहां कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर दिया. पूर्वी गुमटी पर सड़क जाम होने से आरा-पटना और आरा-मोहनिया हाइवे पर जाम लग गया. कुछ मिनटों में ही दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. आइसा के कार्यकर्ता सड़क पर ही बैठ कर नारेबाजी कर रहे थे. बाद में पुलिस के पहुंचने पर छात्रों को समझा कर हटाया गया.
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