खोदावंदपुर : भारत सरकार के द्वारा बनाये गये आरोग्य सेतु एप के माध्यम से आप अपना सेल्फ एसेसमेंट कर सकते हैं. इससे आप कोविड-19 से संक्रमित हैं या नहीं, की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसकी जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ सुनीता कुशवाहा ने कहा कि इसमें पहले आपको ऐप में जाकर रजिस्टर्ड करना होगा. इसके बाद आपसे कुछ प्रश्न पूछे जायेंगे. जिसके माध्यम से आपको कोविड-19 जैसी संक्रमण से फैलने वाली बीमारी से कैसे अपना बचाव करना है और किस प्रकार से अन्य लोगों को बचाना है इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. स्मार्टफोन में ऐप डाउनलोड करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि फसल की कटाई करते समय तथा सब्जी फसल की सिंचाई करते समय किस तरीके से साेशल डिस्टेंस मेंटेन करना है इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. वैज्ञानिक डॉ कुशवाहा ने कोविड-19 को लेकर किसानों के अलावा आमजनों को भी विशेष रूप से ध्यान रखने की अपील की ताकि यह बीमारी नहीं फैले.
भारत सरकार की ओर से पूरे देश में कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वैज्ञानिक विनिता कश्यप, विवेक कुमार खरे, डॉ मुकेश कुमार आदि भी अपने स्तर से वाट्सएप ग्रुप या मोबाइल के जरिये प्रचार-प्रसार कर किसानों को जागरूक करने में जुट गये हैं.: किसान सब्जी की फसल में करें सिंचाईखोदावंदपुर. अगले चार दिनों तक बारिश होने की कोई संभावना नहीं है. किसान अपने खेतों में लगाये गरमा भिंडी की फसल का सिंचाई कर सकते हैं. इसके अलावा गरमा लतर वाली फसल जैसे नेनुआ, परवल, कद्दू, खीरा आदि में भी आवश्यकतानुसार सिंचाई करें. इसकी जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर की वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ सुनीता कुशवाहा ने दी. उन्होंने कहा कि इस मौसम में भिंडी रोपाई के लिए भी उपयुक्त समय है. किसान अपने खेतों में भिंडी की रोपाई कर सकते हैं. यह फसल मई-जून में तैयार हो जायेगी. उन्होंने बताया कि जो किसान फरवरी माह में भिंडी का रोपाई किये थे. उसमें निकाई गुड़ाइ कर दें. डॉ कुशवाहा ने कहा कि आम के पौधों में भी अब मटर साइज का टिकोला आ चुका है. किसान आम के टिकोले पर प्लेनोफिक्स नामक दवा 1 मिली 4 लीटर पानी में घोल का छिड़काव कर दें, इससे टिकोला नीचे नहीं गिरेगा. इसके साथ ही रस चूसक कीट से बचाव के लिए पानी में इमिडाक्लोप्रिड 1 मिली प्रति 3- 4 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव कर दें. अमरूद के बगीचे में नये किल्ले निकल रहे हैं. साथ में फूल भी आ रहा है.इस मौसम में अमरूद के बगीचे में भी सिंचाई कर देने की बात कहीं.