Astro Tips: भारतीय संस्कृति में पशु-पक्षियों से जुड़ी घटनाओं को अक्सर शुभ या अशुभ संकेतों से संबंधित किया जाता है. विशेष रूप से जब कोई घटना हमारे घर में घटित होती है — जैसे कि कुत्ते के पिल्लों का जन्म, तो लोगों में स्वाभाविक रूप से यह जिज्ञासा होती है कि यह शुभ है या अशुभ? आइए इस विषय पर धर्म, ज्योतिष और लोक मान्यताओं के दृष्टिकोण को समझते हैं.
कुत्ता है यमराज का वाहन
भारत में कुत्ते को यमराज का वाहन माना जाता है और कई स्थानों पर इसे शक्ति, सुरक्षा और वफादारी का प्रतीक माना जाता है. विशेष रूप से भैरव भक्ति में कुत्ते की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यह मान्यता है कि कुत्ता नकारात्मक ऊर्जा को पहचानने में सक्षम होता है और घर की सुरक्षा करता है.
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कई ग्रामीण इलाकों में यह माना जाता है कि यदि किसी घर में कुत्ते ने बच्चों को जन्म दिया है, तो यह उस घर को संभावित संकट से बचाने का संकेत है. इसका मतलब यह नहीं है कि कोई बड़ा नुकसान निश्चित रूप से होगा.
शुभ संकेत के रूप में व्याख्या
कुछ व्यक्तियों का मानना है कि यह घर में नई ऊर्जा का आगमन है. कुत्ते के पिल्ले मासूम, चंचल और ऊर्जा से भरे होते हैं, और उनके आगमन से वातावरण में सकारात्मक हलचल उत्पन्न होती है. यदि परिवार के सदस्य उनकी उचित देखभाल करें, तो इसे एक पुण्य कार्य माना जाता है, जो घर में सुख और शांति को बढ़ा सकता है.
क्या कहता है ज्योतिष?
ज्योतिष शास्त्र में यह घटना सीधी रूप से किसी भविष्यवाणी से नहीं जुड़ी है, लेकिन राहु और केतु जैसे ग्रहों से जुड़े संकेतों की चर्चा मिलती है. कुत्ता राहु का प्रतीक माना गया है, और यदि यह घटना आपकी कुंडली के कुछ ग्रहों से मेल खाती है, तो यह समय आत्मनिरीक्षण या परिवर्तन का हो सकता है.