नयी दिल्ली : एक उर्दू अखबार में राहुल गांधी के हवाले से ‘हां, कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है’ हेडलाइन वाली रिपोर्ट के बाद से ही राजनीति गर्म है. उर्दू अखबार की रिपोर्ट को कांग्रेस पहले ही खारिज कर चुकी है लेकिन खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूरे विवाद पर खामोश नजर आए. इस बीच मंगलवार को उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर एक ट्वीट किया जिसे ‘मुस्लिम पार्टी’ विवाद पर उनका जवाब माना जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया कि कांग्रेस के लिए जाति, मजहब और आस्था खास मायने नहीं रखती.
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राहुल गांधी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मैं पंक्ति में सबसे आखिर में खड़े शख्स के साथ हूं…शोषित, हाशिये पर खड़े और सताये गये लोगों के साथ हूं…उनका धर्म, उनकी जाति, आस्था मेरे लिए मायने नहीं रखती है जिन्हें भी दर्द है, पीड़ा है, मैं उन्हें गले लगाना चाहता हूं…मैं नफरत और भय को मिटाना चाहता हूं…मुझे सभी जीवों से प्यार है…मैं कांग्रेस हूं…
यहां चर्चा कर दें के पिछले सप्ताह उर्दू अखबार ‘इंकलाब’ ने एक रिपोर्ट छापी थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात के दौरान कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है. इस रिपोर्ट के बाद से ही भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है और उसे घोर सांप्रदायिक पार्टी बता रही है.
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मामला इतना राजनीतिक हो चुका है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले देश को मजहब के आधार पर बांटने का आरोप लगा दिया. वहीं खुद पीएम मोदी ने भी आजमगढ़ में इसे लेकर तंज कसा और पूछा था कि कांग्रेस बताए कि वह सिर्फ मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है या मुस्लिम महिलाओं की भी.
मामले के तूल पकड़ते ही कांग्रेस ने अखबार की रिपोर्ट को गलत करार दिया और भाजपा पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया.