Chanakya Niti: चाणक्य नीति में ऐसी नीतियों का संग्रह है जो व्यक्ति को आगे बढ़ने में सहायक है. व्यक्तिगत और सामाजिक बातों की शिक्षा भी इन नीतियों से मिल जाती है. चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है और जीवन में सफलता, नीति और व्यवहारिक बातों की सीख देता है. आचार्य चाणक्य एक बुद्धिमान और महान राजनीतिज्ञ थे. अपने बुद्धि और विवेक की मदद से आचार्य चाणक्य ने मौर्य समराज्य की स्थापना में अहम भूमिका निभाया था. जीवन में कुछ आदतों से महत्वपूर्ण चीजें नष्ट हो जाती हैं. चाणक्य नीति के पांचवे अध्याय के सातवें श्लोक में कहा गया है,
आलस्योपहता विद्या परहस्त गतं धनम्।
अल्पबीजहतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम्। ।
इस श्लोक के अनुसार, आलस से विद्या का नाश होता है और दूसरों के हाथ में धन जाने से धन भी नष्ट होता है. आगे इस श्लोक में कहा गया है कि कम बीज से खेत नष्ट होता है और बिना सेनापति के सेना नष्ट हो जाती है.
विद्या के नाश का कारण
आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्या के नष्ट होने का कारण आलस है. आज के समय में कई संसाधन होने पर भी लोग आलस के कारण पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. आलस करने से जो विद्या आपके पास भी है वह भी धीरे धीरे खत्म होने लग जाती है इसलिए चीजों को जानने और सीखने की कोशिश करते रहना चाहिए.
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धन के बारे में
चाणक्य नीति में धन के बारे में कहा गया है कि अपने धन को लेकर सतर्क रहें. अगर धन किसी और के हाथ में जाता है तो खर्च हो जाता है. अपने धन सम्पत्ति का खास ध्यान रखें नहीं तो आपको भारी नुकसान हो सकता है.
सही मात्रा का चयन
बिना तैयारी के किया गया काम पूरा फल नहीं दे पाता है. चाणक्य नीति के अनुसार, अगर खेत में सही मात्रा में बीज नहीं डाला जाए तो खेती बर्बाद हो जाती है. इस बात को आप जीवन में भी लागू कर सकते हैं अगर आप पूरी मेहनत नहीं करते हैं तो आपको सफलता नहीं मिल पाती है.
नेतृत्व की कमी
अगर किसी संगठन में अच्छे लीडर की कमी है तो ऐसा संगठन ज्यादा दिन तक सफल नहीं हो पाता है. टीम की सफलता के लिए एक मजबूत लीडर की जरूरत पड़ती है.
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