Chanakya Niti: जीवन में सफल होने के लिए काम करना पड़ता है मगर किसी काम को बिना सोच समझ के किया जाए तो मेहनत का सही फल नहीं मिल पाता है. आचार्य चाणक्य ने किसी भी काम को शुरू करने से पहले सोच विचार करने की सलाह दी है. अगर व्यक्ति अपने विवेक का सही इस्तेमाल करता है तो उसे अच्छे फल मिलते हैं. आचार्य चाणक्य की गिनती प्राचीन भारत के विद्वानों में होती है. अपनी बुद्धि के बल पर आचार्य चाणक्य ने एक बड़े साम्राज्य की स्थापना में अहम भूमिका निभाई. चाणक्य नीति आचार्य चाणक्य के विचारों के बारे में बताती है और आज भी लोगों का मार्गदर्शन करने में सहायक है. चाणक्य नीति के चौथे अध्याय के 18 वें श्लोक के अनुसार,
कः कालः कानि मित्राणि को देशः को व्ययागमोः।
कस्याहं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः। ।
इस श्लोक के अनुसार, व्यक्ति को कुछ बातों को बार- बार सोचना चाहिए जैसे कैसा समय है, कौन मेरे दोस्त हैं, कौन सी जगह मेरे लिए सही है? आगे इस श्लोक में खर्च क्या है, किसके लिए काम करना है, मेरी शक्ति क्या है. इन सब बातों को कई बार सोचना चाहिए.
सही समय
चाणक्य नीति में आत्मचिंतन और आत्मविश्लेषण के महत्व को बताया गया है. अगर आप कोई भी काम को शुरू करने जा रहे हैं तो सही समय का चुनाव करें. समय के अनुसार नहीं चलने से व्यक्ति का ही नुकसान होता है.
सच्चा मित्र कौन है?
दोस्ती जीवन में सबसे अनमोल रिश्ता होता है. लोग दोस्ती तो कई लोगों से कर लेते हैं मगर सच्चे मित्र का साथ आपको जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है.
सही जगह
जिस जगह पर आप काम करते हैं या रहते हैं उस जगह का प्रभाव पड़ता है. अगर आप उन्नति नहीं कर पा रहे हैं तो जगह बदलने के ऊपर सोच सकते हैं.
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खर्च और आमदनी
व्यक्ति अपने जीवन में जो भी धन कमाता है उसे इस बारे में बार-बार सोचना चाहिए. व्यक्ति को अपने खर्च का भी ध्यान रखना चाहिए.
अपनी क्षमता की पहचान
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार ही किसी काम को करने के बारे में सोचना चाहिए. सही फैसला ही आपको जीवन में सफलता देता है.
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