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GST Reform: डेयरी और कृषि सामानों पर जीएसटी में कटौती किसान होंगे मालामाल, 10 करोड़ को होगा फायदा

GST Reform: जीएसटी सुधार के तहत डेयरी उत्पादों, कृषि उपकरणों और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी वस्तुओं पर कर दरों में कटौती की गई है. इस फैसले से 10 करोड़ से ज्यादा किसानों और डेयरी सहकारी समितियों को सीधा लाभ होगा. दूध और पनीर पर जीएसटी छूट, ट्रैक्टर व उसके पुर्जों की कीमतों में कमी तथा उर्वरक पर कर ढांचे में सुधार से किसानों का बोझ घटेगा. अमूल जैसे प्रमुख ब्रांडों ने इसका स्वागत किया. यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सहकारिता क्षेत्र को मजबूती देगा.

GST Reform: सरकार ने डेयरी उत्पादों और कृषि से जुड़े सामानों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का बड़ा फैसला लिया है. इस निर्णय से देशभर के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और सहकारिता क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी.

किसानों और सहकारी समितियों को लाभ

सहकारिता मंत्रालय के अनुसार, दूध और पनीर जैसे उत्पादों पर जीएसटी से छूट तथा प्रसंस्करण उपकरणों पर दरें घटने से किसानों और डेयरी सहकारी समितियों की आय बढ़ेगी. अमूल जैसे बड़े ब्रांड ने भी इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इससे उत्पादन लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा.

उर्वरक और ट्रैक्टर के दाम होंगे कम

जीएसटी दरों में कटौती से उर्वरक उद्योग को भी राहत मिलेगी. अब उल्टे कर ढांचे की समस्या खत्म होगी, जिससे उर्वरकों की कीमतें स्थिर रहेंगी और बुआई के समय किसानों को जरूरी सामान आसानी से उपलब्ध होगा. इसके साथ ही, ट्रैक्टर और उनके पुर्जों की कीमतों में कमी से खासकर छोटे किसानों को फायदा होगा. ये किसान अक्सर पशुपालन और मिश्रित खेती पर निर्भर रहते हैं.

ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों को सहारा

सरकार का मानना है कि यह फैसला ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में मांग को बढ़ाएगा. परिवारों का खर्च कम होगा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर बोझ घटने से उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी.

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बढ़ेगी रफ्तार

जीएसटी दरों में यह कटौती केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे ग्रामीण अर्थतंत्र और उपभोक्ताओं के लिए भी सकारात्मक कदम साबित होगी. यह निर्णय उत्पादन, मांग और आय के बीच बेहतर संतुलन बनाकर देश की कृषि और डेयरी अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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