मालदा. रुपये के अभाव में मालदा के किसी भी एटीएम से मालदावासी रूपये नहीं निकाल पाये. नवंबर माह का वेतन तो कर्मचारियों के बैंक खाते में पहुंच गया है लेकिन खाते से रूपया निकालना जी का जंजाल बन गया है. नौकरी पेशे वालों के साथ ही आमलोग भी परेशान हैं.
शनिवार को गाजल से एक किसान पिंटू सरकार मालदा शहर पहुंचा था. रूपया निकालने के लिये शहर के एक एटीएम पर सुबह छह बजे से ही कतार में खड़ा था. उसके जैसे और भी कइ लोग सुबह से कतार में खड़े थे. दिन के 11 बजे बैंक प्रबंधन ने साफ बता दिया कि बैंक में रूपया नहीं है. इसलिए एटीएम नहीं खोला जायेगा. मालदा शहर से गाजल ब्लॉक की दूरी 35 किलोमीटर है. पेशे से किसान पिंटू सरकार ने बताया कि गाजल के भी किसी एटीएम में रूपया नहीं है. किसी ने बताया कि मालदा शहर के एटीएम में रूपया मिल रहा है. इसीलिए वह मालदा आया था. यहां का हाल भी एक जैसा ही है.
उसने बताया कि रूपये के अभाव में वे खेती नहीं कर पा रहे हैं. आलू, सरसों और गेहूं की खेती इसी समय शुरू की जाती है. बीज खरीदने के लिये उनके पास रूपये नहीं है. किसानों के पास दूसरी समस्या यह है कि वे धान भी नहीं बेच पा रहे हैं. धान के बदले ग्राहक पांच सौ या हजार के पुराने नोट दे रहे हैं अन्यथा नये नोट के बदले धान की कीमत ही कम लगा रहे हैं. खाते में रूपया तो जमा है लेकिन बैकों में पर्याप्त रूपया ही नहीं है. हाल ऐसा ही रहा तो किसान इस बार खेती ही नहीं कर पायेगे. ऐसे में फल, सब्जी, चावल, आटा आदि की कीमत काफी बढेगी.
एटीएम से रूपया निकासी के लिये ओल्ड मालदा थाना अंतर्गत साहापुर ग्राम पंचायत के कादिरपुर गांव की गीता मंडल भी कतार में खड़ी थी. अपने इलाज के लिये उन्हें कोलकाता जाना है, रूपये नहीं होने की वजह से करीब एक माह से इलाज बंद है. शुक्रवार को उनके पति ने कइ घंटे कतार में रहकर एटीएम से दो हजार रूपये निकाले थे. वह पैसा खत्म हो गया है. काम की वजह से वह रोज लाईन नहीं लगा पाते. इसलिए सुबह छह बजे ही लाईन में खड़ी है. 11 बजे बैंक प्रबंधन द्वारा रूपया नहीं होने की घोषणा के बाद वह हताश मन से घर लौट गयी.
शनिवार को मालदा जिले के किसी भी एटीएम से रूपये की निकासी नही हुयी. ऐसा क्यों हो रहा है,इस संबंध में बैंक प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है. देश के प्रत्येक कोने में रूपये के लिये हाहाकार है. परस्थिति अब ऐसी हो चली है कि लोग रूपये के लिये मारे-मारे फिरने लगे हैं. बैंक खाते में रूपया होने के बाद भी लोग आवश्यक वस्तुएं नहीं खरीद पा रहे हैं. प्रधानमंत्री द्वारा पांच सौ और एक हजार के नोट रद्द किये जाने की घोषणा के 25 दिन बाद अब लोगों में गुस्सा दिखाई दे रहा है. शनिवार को शहर के किसी भी बैंक से पांच हजार से अधिक रूपये की निकासी नहीं की गयी. अभी तक मालदा शहर के बैकों में पांच सौ रूपये का नया नोट पहुंचा नहीं है.