करोड़ों रुपये खर्च करके पुल बना, लेकिन आसपास के करीब 70 गांवों के लोगों को इसका कोई फायदा नहीं हुआ. क्योंकि इस पुल को जोड़ने के लिए रास्ता नहीं बनाया गया. नतीजतन पहले की तरह ही ग्रामवासियों को बांस का पुल बनाकर चउरा खाड़ी पार करना पड़ रहा है. आखिर आज तक संपर्क मार्ग क्यों नहीं बना, जिला परिषद के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं है. ब्लॉक प्रशासन से इस बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि वे लोग संपर्क मार्ग तो नहीं बनवा सकते, पर मिट्टी गिरवाकर पुल तक जाने का कामचलाऊ रास्ता बनवा देंगे. यह काम 100 दिन रोजगार योजना के तहत कराया जायेगा.
स्थानीय निवासी अब्दुल रसीद, फरमा अली, मजीबुर रहमान ने बताया कि खाड़ी के एक तरफ पश्चिम मंदापाड़ा है और दूसरी तरफ बालीपुर है. दोनों तरफ लगभग 70 गांव हैं, जिनमें हजारों की संख्या में लोग रहते हैं. इन लोगों को यातायात के लिए बांस के कच्चे पुल से खाड़ी पार करना पड़ता है. नालागोला होकर मालदा जाने के लिए भी यह एक वैकल्पिक रास्ता है. अगर पक्का पुल चालू हुआ होता, तो लोग गाड़ी से भी आ-जा सकते थे. अभी बांस के पुल से लोग पैदल और साइकिल से आ-जा पाते हैं. कुछ लोग जान जोखिम में डालकर मोटरबाइक भी पार कराते हैं. इसकी वजह से कई बार हादसे भी हो चुके हैं. पक्का पुल नहीं चलने से लोगों को स्कूल, अस्पताल आदि जाने में भारी असुविधा होती है. स्थानीय पंचायत को बोलने से भी काम नहीं हुआ.
स्थानीय आरसीए मांगुरपुर उच्च विद्यालय की एक छात्रा सेलीना खातून ने बताया कि बांस पुल को पार करते समय कभी भी हादसा हो सकता है. अन्य छात्राओं का भी यही कहना है. सभी की मांग है कि ब्लॉक या जिला प्रशासन संपर्क मार्ग बनवाने के लिए कदम उठाये. अगर तत्काल संपर्क मार्ग नहीं बन सकता, तो कम से कम मिट्टी डलवाकर ही पुल तक चढ़ने का रास्ता बना दिया जाये. स्थानीय प्रधान विमल महतो ने बताया कि यह जिला परिषद का काम है. जिला परिषद ने यह काम पूरा क्यों नहीं किया, उन्हें जानकारी नहीं है. कई बार इस बारे में जिला परिषद से कहा गया, पर कोई लाभ नहीं हुआ. अब ब्लॉक प्रशासन इस दिशा में कुछ कदम उठाने जा रहा है. तपन ब्लॉक के बीडीओ सिद्धार्थ सुब्बा ने कहा कि पुल और रास्ते का काम जिला परिषद ने किया था. इसके बावजूद वह आम लोगों की समस्या को ध्यान में रखकर दिसंबर महीने से मिट्टी डलवाकर पुल तक पहुंचने का रास्ता बनवायेंगे. यह काम 100 दिन रोजगार योजना के तहत होगा. लेकिन पक्का रास्ता बनवाने और अन्य बचे काम जिला परिषद ही करवा सकता है.