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केएसटीपी में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ अड्डा ने कार्रवाई शुरू की

निर्माण में टीएंडसी (पीएंडडी) एक्ट 1979 के उल्लंघन पर धारा 52,53,54 और 55 के तहत कार्रवाई जारी आसनसोल : कन्यापुर सेटेलाइट टाउनशिप प्रोजेक्ट (केएसटीपी) इलाके के सेक्टर एच में आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (अड्डा) के ले-आऊट प्लॉट संख्या सीबी/14 के पट्टाधारक मोहम्मद अनवर अली द्वारा ऊक्त प्लॉट पर अनाधिकृत रूप से बहुमंजिली इमारत बनाने के […]

निर्माण में टीएंडसी (पीएंडडी) एक्ट 1979 के उल्लंघन पर धारा 52,53,54 और 55 के तहत कार्रवाई जारी

आसनसोल : कन्यापुर सेटेलाइट टाउनशिप प्रोजेक्ट (केएसटीपी) इलाके के सेक्टर एच में आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (अड्डा) के ले-आऊट प्लॉट संख्या सीबी/14 के पट्टाधारक मोहम्मद अनवर अली द्वारा ऊक्त प्लॉट पर अनाधिकृत रूप से बहुमंजिली इमारत बनाने के खिलाफ अड्डा प्रशासन ने पुनः कार्रवाई की प्रक्रिया आरम्भ की.

प्रभात खबर अखबार में शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर प्रथम पेज में खबर छपने के बाद अड्डा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कार्रवाई के तहत आसनसोल नगर निगम (ननि) के आयुक्त को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप कर गंभीर कार्रवाई करने और पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) को मोहम्मद अनवर अली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई करने को लेकर शुक्रवार को पत्र भेजा.

सनद रहे कि केएसटीपी के सेक्टर एच में प्लॉट संख्या सीबी/14 को अड्डा ने 27 जुलाई 1993 को आवंटित किया. जमीन की पूरी कीमत किश्तों में भुगतान करने के बाद 21 जनवरी 2002 अड्डा ने जमीन का दखल श्री अली को दिया. लीज डीड 7 मार्च 2002 को लागू हुआ. जमीन पर दखल लेने के पांच वर्ष बाद भी निर्माण कार्य आरम्भ न होने पर अड्डा प्रबंधन ने 11 दिसम्बर 2008 को आवंटन जमीन रद्द करने के लिए श्री अली को कारण बताओ नोटिस भेजा.

श्रीअली ने 16 दिसम्बर 2008 को कारण बताओ नोटिस के जवाब में कहा कि वे बीमार हैं. उनका दिल का ऑपरेशन हुआ है, उन्हें निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए कुछ मोहलत दी जाए. दोबारा उन्होंने मोहलत के लिए 27 फरवरी 2009 को अड्डा के सीईओ को चिट्ठी लिखी और कहा कि आसनसोल ननि में बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के लिए कागजात दिया गया है. निर्माण कार्य 2011 के शुरू में आरम्भ करने की संभावना जताई.

18 जुलाई 2012 को अड्डा के तत्कालीन सर्वेयर एसके दत्ता ने साइट विजिट के दौरान पाया कि ऊक्त जमीन पर जी+5 की बहुमंजिली इमारत खड़ी हो गयी है. नियमानुसार आवासीय क्षेत्र में बहुमंजिली इमारत के निर्माण की अनुमति नहीं होती है. श्री अली को इस निर्माण से संबंधित कागजात (निर्माण कार्य के लिए मंजूर किया गया प्लान, जमीन के कर का रसीद, लीज डीड का ऑरिजिनल आदि) लेकर 22 अगस्त 2012 को सुनवाई के लिए सहायक कार्यपालक अधिकारी (एईओ) के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस भेजा गया. श्री अली उपस्थित न होकर तीन सितम्बर 2012 को अड्डा से जमीन के दखल का प्रमाण पत्र और एनओसी की मांग की.

निर्माण कार्य में नियमों का उल्लंघन करने के को लेकर चार अक्टूबर को 2012 को फाइनल नोटिस भेजकर तीन दिन में उपस्थित होने को कहा, नहीं आने पर कानून के दायरे में कार्यवाई की चेतावनी दी गयी. इसके एवज में 17 अक्टूबर 2012 को उनके वकील मोहम्मद जमशेद ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि भवन का मॉडिफाइड प्लान मंजूरी के लिए ननि में जमा किया गया है. जिसकी मंजूरी लगभग हो चुकी है. निर्माण अवैध नहीं है. जबकि अड्डा के लीज डीड के पैराग्राफ 2(4) और 2(5) के अनुसार जमीन पर निर्माण कार्य के पूर्व प्लान की मंजूरी लेना अनिवार्य है.

ऊक्त निर्माण से संबंधित जरूरी कागजात पेश न करने पर अड्डा ने राज्य सरकार के टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट 1979 के तहत निर्माण को रोकने और गिराने का नोटिस चार जनवरी 2013 को जारी कर दिया. इसी दिन एक और नोटिस जारी कर निर्माण कार्य में लीज डीड के शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में डीड को रद्द कर दिया गया.

नोटिस की प्रति आसनसोल ननि के मेयर और पुलिस आयुक्त को भेजकर उचित कार्रवाई करने को कहा गया. अड्डा के सीईओ ने 19 मार्च 2013 और 26 जून 2013 को ननि के आयुक्त को पत्र लिखकर ऊक्त निर्माण के प्लान की मंजूरी से संबंधित जानकारी मांगी. जिसका जवाब नहीं मिला. ननि प्रशासन ने ऊक्त निर्माण के अल्टरनेशन प्लान को 20 अप्रैल 2015 को मंजूरी दे दी.

जिसमें बेसमेंट (बी) + ग्राऊंड फ्लोर (जी) + पांच के प्लान की मंजूरी दी गयी. अड्डा के सर्वे आधिकरियों ने भवन के फिजिकल जांच में पाया कि निर्माण में सरकारी नियम का घोर उल्लंघन हुआ है. ननि ने जिस प्लान की मंजूरी दी है, निर्माण कार्य में उसका भी उल्लंघन किया गया है. नियमों के उल्लंघन की पूरी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेज दी गयी है. जिसकी जांच नए सिरे से पुनः आरम्भ हुई है.

शुक्रवार को प्रभात खबर में अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद ऊक्त मामले में कार्रवाई करते हुए नगर निगम के आयुक्त और पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) को अड्डा के सीईओ ने पत्र भेजा. पुलिस उपायुक्त को कहा गया कि पूर्व में एक जून 2018 और 15 जनवरी 2019 को आसनसोल नॉर्थ थाने में प्राथमिकी दर्ज कर शिकायत की गई थी. जिसपर उचित कार्यवाई की जाए. विभाग द्वारा भी टाऊन एंड कंट्री (प्लानिंग एंड डेवलपमेंट) एक्ट 1979 के तहत धारा 52, 53, 54 और 55 के तहत कार्रवाई की जा रही है.

नगर निगम के आयुक्त को ऊक्त घटना की जानकारी देकर कहा गया कि यहां बिल्डिंग निर्माण नियम का घोर उलंघन हुआ है. जी+6 का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. जिसमें फ्री एरिया रेसियो, भवन की ऊंचाई, ग्राऊंड कवरेज, रिक्त स्थान छोड़ने में भारी अनियमितता है. इस मुद्दे पर हस्तक्षेप कर गंभीर कार्रवाई के लिए कहा गया है.

आसनसोल. कन्यापुर सेटेलाइट टाउनशिप प्रोजेक्ट (केएसटीपी) इलाके के सेक्टर एच में आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (अड्डा) के ले-आऊट प्लॉट संख्या सीबी/14 के पट्टाधारक मोहम्मद अनवर अली द्वारा ऊक्त प्लॉट पर अनाधिकृत रूप से बहुमंजिली इमारत बनाने के खिलाफ अड्डा प्रशासन ने पुनः कार्रवाई की प्रक्रिया आरम्भ की.
प्रभात खबर अखबार में शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर प्रथम पेज में खबर छपने के बाद अड्डा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कार्रवाई के तहत आसनसोल नगर निगम (ननि) के आयुक्त को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप कर गंभीर कार्रवाई करने और पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) को मोहम्मद अनवर अली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई करने को लेकर शुक्रवार को पत्र भेजा.
सनद रहे कि केएसटीपी के सेक्टर एच में प्लॉट संख्या सीबी/14 को अड्डा ने 27 जुलाई 1993 को आवंटित किया. जमीन की पूरी कीमत किश्तों में भुगतान करने के बाद 21 जनवरी 2002 अड्डा ने जमीन का दखल श्री अली को दिया. लीज डीड 7 मार्च 2002 को लागू हुआ. जमीन पर दखल लेने के पांच वर्ष बाद भी निर्माण कार्य आरम्भ न होने पर अड्डा प्रबंधन ने 11 दिसम्बर 2008 को आवंटन जमीन रद्द करने के लिए श्री अली को कारण बताओ नोटिस भेजा.
श्री अली ने 16 दिसम्बर 2008 को कारण बताओ नोटिस के जवाब में कहा कि वे बीमार हैं. उनका दिल का ऑपरेशन हुआ है, उन्हें निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए कुछ मोहलत दी जाए. दोबारा उन्होंने मोहलत के लिए 27 फरवरी 2009 को अड्डा के सीईओ को चिट्ठी लिखी और कहा कि आसनसोल ननि में बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के लिए कागजात दिया गया है. निर्माण कार्य 2011 के शुरू में आरम्भ करने की संभावना जताई.
18 जुलाई 2012 को अड्डा के तत्कालीन सर्वेयर एसके दत्ता ने साइट विजिट के दौरान पाया कि ऊक्त जमीन पर जी+5 की बहुमंजिली इमारत खड़ी हो गयी है. नियमानुसार आवासीय क्षेत्र में बहुमंजिली इमारत के निर्माण की अनुमति नहीं होती है. श्री अली को इस निर्माण से संबंधित कागजात (निर्माण कार्य के लिए मंजूर किया गया प्लान, जमीन के कर का रसीद, लीज डीड का ऑरिजिनल आदि) लेकर 22 अगस्त 2012 को सुनवाई के लिए सहायक कार्यपालक अधिकारी (एईओ) के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस भेजा गया. श्री अली उपस्थित न होकर तीन सितम्बर 2012 को अड्डा से जमीन के दखल का प्रमाण पत्र और एनओसी की मांग की.
निर्माण कार्य में नियमों का उल्लंघन करने के को लेकर चार अक्टूबर को 2012 को फाइनल नोटिस भेजकर तीन दिन में उपस्थित होने को कहा, नहीं आने पर कानून के दायरे में कार्यवाई की चेतावनी दी गयी. इसके एवज में 17 अक्टूबर 2012 को उनके वकील मोहम्मद जमशेद ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि भवन का मॉडिफाइड प्लान मंजूरी के लिए ननि में जमा किया गया है. जिसकी मंजूरी लगभग हो चुकी है. निर्माण अवैध नहीं है. जबकि अड्डा के लीज डीड के पैराग्राफ 2(4) और 2(5) के अनुसार जमीन पर निर्माण कार्य के पूर्व प्लान की मंजूरी लेना अनिवार्य है.
ऊक्त निर्माण से संबंधित जरूरी कागजात पेश न करने पर अड्डा ने राज्य सरकार के टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट 1979 के तहत निर्माण को रोकने और गिराने का नोटिस चार जनवरी 2013 को जारी कर दिया. इसी दिन एक और नोटिस जारी कर निर्माण कार्य में लीज डीड के शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में डीड को रद्द कर दिया गया.
नोटिस की प्रति आसनसोल ननि के मेयर और पुलिस आयुक्त को भेजकर उचित कार्रवाई करने को कहा गया. अड्डा के सीईओ ने 19 मार्च 2013 और 26 जून 2013 को ननि के आयुक्त को पत्र लिखकर ऊक्त निर्माण के प्लान की मंजूरी से संबंधित जानकारी मांगी. जिसका जवाब नहीं मिला. ननि प्रशासन ने ऊक्त निर्माण के अल्टरनेशन प्लान को 20 अप्रैल 2015 को मंजूरी दे दी. जिसमें बेसमेंट (बी) + ग्राऊंड फ्लोर (जी) + पांच के प्लान की मंजूरी दी गयी.
अड्डा के सर्वे आधिकरियों ने भवन के फिजिकल जांच में पाया कि निर्माण में सरकारी नियम का घोर उल्लंघन हुआ है. ननि ने जिस प्लान की मंजूरी दी है, निर्माण कार्य में उसका भी उल्लंघन किया गया है. नियमों के उल्लंघन की पूरी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेज दी गयी है. जिसकी जांच नए सिरे से पुनः आरम्भ हुई है.
शुक्रवार को प्रभात खबर में अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद ऊक्त मामले में कार्रवाई करते हुए नगर निगम के आयुक्त और पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) को अड्डा के सीईओ ने पत्र भेजा.
पुलिस उपायुक्त को कहा गया कि पूर्व में एक जून 2018 और 15 जनवरी 2019 को आसनसोल नॉर्थ थाने में प्राथमिकी दर्ज कर शिकायत की गई थी. जिसपर उचित कार्यवाई की जाए. विभाग द्वारा भी टाऊन एंड कंट्री (प्लानिंग एंड डेवलपमेंट) एक्ट 1979 के तहत धारा 52, 53, 54 और 55 के तहत कार्रवाई की जा रही है.
नगर निगम के आयुक्त को ऊक्त घटना की जानकारी देकर कहा गया कि यहां बिल्डिंग निर्माण नियम का घोर उलंघन हुआ है.जी+6 का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. जिसमें फ्री एरिया रेसियो, भवन की ऊंचाई, ग्राऊंड कवरेज, रिक्त स्थान छोड़ने में भारी अनियमितता है. इस मुद्दे पर हस्तक्षेप कर गंभीर कार्रवाई के लिए कहा गया है.

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