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पहाड़ छोड़ पर्यटकों ने किया डुआर्स का रुख
प्रशासन ने की विशेष व्यवस्था, वन विभाग भी हुआ चौकस जलपाईगुड़ी : दार्जिलिंग में अशांति के कारण पर्यटकों ने पहाड़ छोड़ डुआर्स का रुख किया है. लाटागुड़ी में पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंच रही है. कोलकाता के जिन पर्यटकों ने दार्जिलिंग में पहले से बुकिंग करा रखी थी, एनजेपी में ट्रेन से उतरने के बाद […]
प्रशासन ने की विशेष व्यवस्था, वन विभाग भी हुआ चौकस
जलपाईगुड़ी : दार्जिलिंग में अशांति के कारण पर्यटकों ने पहाड़ छोड़ डुआर्स का रुख किया है. लाटागुड़ी में पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंच रही है. कोलकाता के जिन पर्यटकों ने दार्जिलिंग में पहले से बुकिंग करा रखी थी, एनजेपी में ट्रेन से उतरने के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया.
ये पर्यटक पहाड़ की जगह लाटागुड़ी, माल, मेटेली, सामसिंग, धूपझोड़ा, चालसा, मूर्ति के लिए रवाना हुए. पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गोरूमारा वन्य प्राणी विभाग ने ज्यादा जिप्सी वाहनों की व्यवस्था की है. पर्यटकों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए पर्यटन व्यवसायियों से लेकर जिला प्रशासन तक ने व्यवस्था की है. जानकारों ने बताया कि पहाड़ और डुआर्स का पर्यटन कारोबार आपस में जुड़ा हुआ है. बहुत से पर्यटक पूरे उत्तर बंगाल का पैकेज बुक कराते हैं, जिसमें पहाड़ और डुआर्स दोनों शामिल होता है. अगर पहाड़ अशांत होता है, तो बुकिंग कैंसिल होने पर डुआर्स में भी पर्यटक घट सकते हैं.
लेकिन अभी जो पर्यटक पहाड़ से उतर रहे हैं या एनजेपी पहुंच गये हैं, वे पहाड़ नहीं घूम पाने पर डुआर्स घूमना चाह रहे हैं. वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने फोन पर बताया कि पर्यटकों को कोई समस्या नहीं हो, इस पर वन विभाग की नजर है. लाटागुड़ी रिसॉर्ट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव दिव्येंदु देव ने बताया कि गुरुवार रात को ही बड़ी संख्या में पर्यटक लाटागुड़ी पहुंच गये हैं. हमलोग पर्यटकों को कोई समस्या नहीं होने देंगे. इस बात पर पूरी नजर रखी जायेगी कि किसी से कमरे और गाड़ी के लिए ज्यादा पैसा नहीं वसूला जाये.
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