मनोहरपुर.
शिप हादसे में मृत अहलाद नंदन महतो का शव 35 दिनों के बाद शनिवार दोपहर में तरतरा गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गयी. पूरा गांव का माहौल गमगीन हो गया. बीडीओ शक्ति कुंज व सीओ प्रदीप कुमार की मौजूदगी में ताबूत खोला गया. परिजनों ने शव की शिनाख्त की. इसके बाद परिजनों और समाज के लोगों ने अंतिम दर्शन कर श्मशान घाट में शव का अंतिम संस्कार किया गया. शव पहुंचने के बाद पहुंचे अधिकारियों ने घटना के संबंध में जानकारी ली. प्रशासन की ओर से एम्बुलेंस का किराया 25 हजार रुपये भुगतान किया गया.27 मार्च को अहलाद की हो गयी थी मौत
शिप कंपनी में कार्यरत अहलाद नंदन महतो की मौत 27 मार्च को हो गयी थी. परिजनों को इसकी सूचना मिलते ही शव को घर लाने के लिए प्रयासरत थे. एक माह बाद 28 अप्रैल को आह्लाद का शव मनोहरपुर पहुंचने वाला था. विभागीय चूक के कारण अहलाद की जगह यूपी के जौनपुर निवासी शिवेन्द्र प्रताप सिंह का शव तरतरा पहुंच गया. प्रशासन ने शिवेन्द्र के शव को चक्रधरपुर के शीतगृह में रख दिया था. 29 अप्रैल को शिवेन्द्र के परिजन शव को जौनपुर लेकर गये. इसके बाद अहलाद के भाई रघुनंदन ने दोबारा दूतावास से संपर्क कर शव लाने की प्रक्रिया शुरू की. शव पहुंचने की सूचना से ग्रामीणों के अलावा आसपास के काफी गांव से समाज के लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है