चक्रधरपुर. चक्रधरपुर में इन दिनों भीषण गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. गुरुवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस सीजन का अबतक का सर्वाधिक तापमान है. चिलचिलाती धूप और झुलसाने वाली गर्मी के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. लोग घरों से निकलने से कतराते हैं. तपती गर्मी में वृद्ध, बच्चे और बीमार लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. जगह-जगह लू लगने और गर्मी से बेहाल होकर बेहोश होने के मामले भी सामने आ रहे हैं.स्कूलों को बंद करने की उठी मांग
गर्मी से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है. माता-पिता और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि जब तक गर्मी का प्रकोप कम नहीं होता, तब तक स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद किया जाए. स्थानीय निवासी संजय महतो का कहना है कि सुबह 10 बजे के बाद बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से कम नहीं है. प्रशासन को इस पर तुरंत विचार करना चाहिए. वहीं, महिला संगठन की सदस्या मीना देवी ने कहा कि बच्चों की सेहत के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. स्कूलों को बंद करना ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है.बच्चों को ठंडा पानी व प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था के निर्देश
इधर, शिक्षा विभाग भी स्थिति पर नजर रखे हुए है. शुक्रवार को एक स्कूली छात्र गर्मी से चक्कर खा कर गिर गया था, जिसे अस्पताल ले जाया गया था. यदि तापमान में और वृद्धि होती है तो स्कूलों में अवकाश की घोषणा की जा सकती है. साथ ही सभी स्कूलों को बच्चों के लिए ठंडा पानी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग बोला-जरूरी हो, तो घर से बाहर निकलें
स्वास्थ्य विभाग की ओर से चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी ने नागरिकों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने, हल्के और सूती कपड़े पहनने, पर्याप्त पानी पीने और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है