सिमडेगा. सिमडेगा धर्म प्रांत के पास्ट्रल सेंटर पूरनापानी में दो दिवसीय युवा संडे का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 400 युवक-युवतियां शामिल हुए. कार्यक्रम का उद्घाटन सिमडेगा धर्म प्रांत के डायरेक्टर फादर आनंद प्रकाश ने दीप जला कर किया. युवा संडे के अवसर पर फादर फबियन डुंगडुंग ने युवाओं से अपनी आदिवासी अस्मिता और ईसाई मूल्यों से जुड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आज के चुनौतीपूर्ण जीवन में आदिवासी युवा अपनी भाषा, संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान, खेती-बारी और सामुदायिक जीवन से दूर होते जा रहे हैं, जो उन्हें उनकी पहचान और मूल्यों से अलग कर रहा है. उन्होंने युवाओं को कड़ी मेहनत करने और अंतर-धार्मिक विवाह से बचने की सलाह दी. फादर फबियन ने युवाओं को बताया कि कठिनाइयां रुकावट नहीं, बल्कि सफलता की सीढ़ियां होती हैं, जो उन्हें ऊंचाई तक पहुंचाती हैं. उन्होंने समय को सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए इसे बर्बाद न करने और सही दिशा में लगाने का संदेश दिया. उन्होंने युवाओं को बड़े सपने देखने, मेहनत करने और ईमानदारी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया. सिमडेगा धर्म प्रांत की लेडी एनिमेटर सिस्टर रोज प्रतिमा ने युवाओं को आइसीवाइएम के बारे में जानकारी दी, जबकि सिस्टर नीलिमा ने समाज में परिवार के महत्व पर संदेश दिया. इस दौरान झारखंड के दिशुम गुरु शिबू सोरेन को भी याद किया गया, जिन्होंने झारखंड अलग राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी. युवा रविवार के इस कार्यक्रम में हर पारिश से आये डायरेक्टर्स और लेडी एनिमेटर्स भी शामिल हुए. मौके पर सिमडेगा धर्मप्रांत के युवा अध्यक्ष नेस्तर, स्मिता, आरती, मनीषा, एडलिन, जॉन, सुशांत, अलविस, कंचन और सिमडेगा धर्मप्रांत के मीडिया प्रभारी सह संत अन्ना महाचर्च के युवा अध्यक्ष ब्रीसियुस सोरेंग उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

