रांची.भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर रविवार को कोकर स्थित बिरसा समाधि स्थल पर विभिन्न जनसंगठनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. दिन के पौने ग्यारह बजे आदिवासी जनपरिषद के प्रेमशाही मुंडा, आदिवासी केंद्रीय परिषद की निरंजना हेरेंज, आदिवासी लोहरा समाज के अभय भुटकुंवर और केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की ने श्रद्धांजलि दी. मौके पर आदिवासी प्रतिनिधियों ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के आंदोलन से ही सीएनटी एक्ट बना. लेकिन जिस तरह से नेताओं, पदाधिकारियों और अन्य लोगों द्वारा आदिवासी जमीनें छीनी जा रही हैं, उससे लगता है कि बिरसा मुंडा का सपना आज भी अधूरा रह गया है. प्रतिनिधियों ने कहा कि झारखंड में एक और उलगुलान की आवश्यकता है.
शहादत बेकार नहीं जाने देंगे
जेबीकेएसएस के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने भी अपने संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ बिरसा समाधि स्थल पर माल्यार्पण कर धरती आबा को श्रद्धांजलि दी. मौके पर देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि आज ही के दिन 124 साल पूर्व अल्पायु में ही भगवान बिरसा मुंडा ने जल, जंगल, जमीन के संरक्षण के लिए बलिदान दिया था. उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जायेगा. अबुआ दिशुम राज को स्थापित करना ही बिरसा मुंडा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
बिरसा के सपनों को भुला दिया गया
झारखंड आंदोलनकारी महासभा और आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के संयुक्त तत्वावधान में बिरसा समाधि पर भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी गयी. इस अवसर पर राजू महतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के निर्माण से पूर्व ही हमारे पुरखे अबुआ दिशुम अबुआ राज के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आज भगवान बिरसा मुंडा के सपनों को राजनेताओं ने भुला दिया है. इस अवसर पर विनीता खलखो, अशोक लोहार, विजय प्रसाद धांजू, नायक सुशील मुंडा सहित अन्य शामिल हुए. इसके अलावा आजसू छात्र संघ के अध्यक्ष ओम वर्मा, रिसर्च स्कॉलर डॉ भुवेश्वर संवैया, मंथन के सुधीर पाल सहित बड़ी संख्या में लोगों ने धरती आबा को श्रद्धांजलि दी.
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