रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के कर्मचारियों के नियमितीकरण के बकाया भुगतान के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान जेएसएमडीसी के प्रबंध निदेशक (एमडी) राहुल कुमार सिन्हा आदेश के आलोक में अदालत में सशरीर हाजिर हुए. उनकी ओर से शो कॉज का लिखित जवाब दायर किया गया. अदालत ने पूछा कि पूर्व के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया. इसका क्या कारण है. आदेश का अनुपालन नहीं करना अवमानना के दायरे में आता है. अदालत ने प्रार्थी को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी. अदालत ने प्रबंध निदेशक को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट प्रदान की. पिछली सुनवाई के दाैरान जेएसएमडीसी द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कड़ी फटकार लगायी थी. साथ ही अदालत ने जेएसएमडीसी के एमडी राहुल कुमार सिन्हा के खिलाफ अवमानना के तहत आरोप गठित करने की बात कहते हुए अगली सुनवाई के दौरान सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जितेंद्र प्रसाद यादव, उमेश कुमार सिंह, अरविंद कुमार व अन्य की ओर से अलग-अलग अवमानना याचिका दायर की गयी है. एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की गयी है. क्या है मामला : जेएसएमडीसी में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को वर्ष 2012 में नियमित किया गया था, लेकिन उन्हें नियमितीकरण का लाभ नहीं दिया गया. वित्तीय लाभ के लिए हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी. एकल पीठ ने वर्ष 2022 में सभी कर्मियों को आठ सप्ताह में वित्तीय लाभ का भुगतान करने का आदेश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी थी, लेकिन जेएसएमडीसी ने अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया. इसके बाद प्रार्थियों ने अवमानना याचिका दाखिल की. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान जेएसएमडीसी की ओर से बकाया भुगतान करने की बात कही गयी, तो मामला निष्पादित हो गया था. आदेश का अनुपालन नहीं होने पर फिर से अवमानना याचिका दायर की गयी है.
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