रांची. हजारीबाग जिला में सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अवैध रूप से 23 लोगों को गृहरक्षक के रूप में बहाल करने के मामले में नामजद आरोपी पूर्व समादेष्टा विनय कुमार को कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिली. मामले में होमगार्ड डीजी अनिल पालटा के निर्देश पर लोहसिंघना थाना में केस दर्ज कराया गया था. इसमें हजारीबाग होमगार्ड के पूर्व समादेष्टा विनय कुमार, होमगार्ड के गिरिडीह जिला समादेष्टा रवि कुमार कुजूर, झारखंड पुलिस के दारोगा चमरा मिंज के अलावा 23 फर्जी गृह रक्षकों को आरोपी बनाया गया था. केस दर्ज होने के बाद श्री कुमार ने हजारीबाग कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि अवैध रूप से बहाल 23 अंगरक्षकों में छह बिहार के रहनेवाले थे. बहाली के बाद सभी से अवैध तरीके से सरकारी ड्यूटी भी करायी गयी थी. जबकि किसी को ट्रेनिंग नहीं दी गयी थी. वहीं, उनको अवैध तरीके से सरकारी राशि का भुगतान भी किया गया. इससे सरकार को एक करोड़ तीन लाख 72 हजार 734 रुपये का नुकसान हुआ. उक्त राशि का भुगतान नौ अक्तूबर 2020 से 18 अक्तूबर 2024 तक फर्जी गृहरक्षकों के खाते में किया गया.
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