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झारखंड में बाढ़ से निबटने के लिए रांची के धुर्वा डैम में 21 दिसंबर को मॉक ड्रिल, तैयारियों की हुई समीक्षा

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार एवं झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 21 दिसंबर को रांची के धुर्वा डैम में बाढ़ से निबटने के लिए मॉक ड्रिल किया जाएगा. झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सभी संबंधित विभागों की तैयारियों की मंगलवार को समीक्षा की गई.

रांची: झारखंड में बाढ़ से निबटने के लिए धुर्वा डैम में 21 दिसंबर को मॉक ड्रिल किया जाएगा. आपदा प्रबंधन प्रभाग की एक टेबल टॉप एक्सरसाइज मंगलवार को धुर्वा स्थित आपदा प्रबंधन प्रभाग के सभागार में की गई. इस अवसर पर सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी एवं ज़िलों के पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (भारत सरकार) के ब्रिगेडियर बीरेन्द्र ठाकर की अध्यक्षता में झारखंड में बाढ़ से निबटने के लिए झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सभी संबंधित विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गयी. उन्होंने कहा कि झारखंड में यदि बाढ़ आती है तो रेस्क्यू और जान-माल की सुरक्षा की तैयारी पुख्ता रखनी है. हर एक जान कीमती है और हर एक जान बचाने के लिए हमें अपनी तैयारी मजबूत रखनी है. सभी संबंधित विभागों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करना है. इस अवसर पर‌ पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के उपनिदेशक ललित इंदवार, ‌केंद्रीय जल आयोग के निदेशक प्रमोद नारायण, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के सेकंड इन कमांड हरविंदर सिंह, रेलवे डिवीज़न से मनीष कुमार, आर्मी मेडिकल मेजर रूही इशा, परिवहन विभाग से राज किशोर कुमार, सब ऑफिसर जीतेन्द्र तिवारी, मौसम केंद्र रांची से अभिषेक आनंद, NDRF से जितेश कुमार, उपनिदेशक SKIPA सुमन पाठक सहित संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे.

21 दिसंबर को बाढ़ से निबटने के लिए किया जाएगा मॉक ड्रिल

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार एवं झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 21 दिसंबर को रांची के धुर्वा डैम में बाढ़ से निबटने के लिए मॉक ड्रिल किया जाएगा. इसी से संबंधित झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सभी संबंधित विभागों की तैयारियों की जानकारी ली गई. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (भारत सरकार) के ब्रिगेडियर बीरेन्द्र ठाकर ने कहा कि बाढ़ एवं अन्य आपदाओं के समय सभी संबंधित विभागों एवं पदाधिकारियों को अपने रोल एवं रेस्पॉन्सिबिलिटी की जानकारी होनी चाहिए. आपदा के समय सभी विभाग एकजुट होकर कार्य करेंगे तभी इसका परिणाम निकल कर सामने आयेगा. उन्होंने आपदा प्रबंधन के पदाधिकारियों को आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम) मोड्यूल को झारखंड में नोटिफाई करने का सुझाव दिया. इससे हर एक विभाग व पदाधिकारियों को अपना रोल एवं रेस्पोंसिबिलिटी पता होगी तो आपदा के समय रेस्क्यू करना आसान होगा. उन्होंने कहा कि आईआरएस सिस्टम में बाढ़ एवं अन्य आपदा के समय अलग अलग सिचुएशन और उसके निपटान के बारे में विस्तार से बताया गया है.

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माइनिंग दुर्घटना पर एनडीएमए ले संज्ञान

आपदा प्रबंधन विभाग के उपसचिव राजेश कुमार ने झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने झारखंड की स्थानीय आपदाओं को चिन्हित किया. भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इसके पूर्व की तैयारियों एवं बाढ़ आने पर इसके बचाओ के साथ रेस्क्यू , रिलीफ और रिहैबिलिटेशन पर ज़ोर दिया जाना चाहिए ताकि लोगों को समय रहते रेस्क्यू किया जा सके. रेस्क्यू किए गए लोगों को रिलीफ़ पहुंचायी जा सके. इसके साथ ही उनका रिहैबिलिटेशन भी हो सके. इसी उद्देश्य के साथ हमें काम करना है. उन्होंने झारखंड में वज्रपात से होने जान माल के नुक़सान, माइनिंग एरिया ख़ास कर धनबाद के झरिया में होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में अवगत कराया.

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आपदा से निबटने के लिए तैयारियों की दी जानकारी

सभी संबंधित विभागों एवं सभी जिलों ने बाढ़ एवं आपदा से निबटने के लिए अपनी तैयारियों की जानकारी दी. रांची जिले के कार्यपालक दंडाधिकारी संजय कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से रांची जिले में बाढ़ एवं अन्य आपदाओं की आशंकाओं एवं आपदा प्रबंधन पर प्रकाश डाला. जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारियों ने बाढ़ से निबटने के लिए अपने विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी दी.

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एनडीआरएफफ की टीम ने लगायी थी प्रदर्शनी

टेबल टॉप एक्सरसाइज़ का मुख्य उद्देश्य इंटीग्रेटेड एफर्ट को और अधिक सुदृढ़ करना है ताकि आपदा के पूर्व एवम् बाद की सारी तैयारियों की मदद से लोगों तक रिलीफ पहुंचाई जा सके. बाढ़ से प्रभावित लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं, खाने के पैकेट्स, दवाइयां, स्वच्छ पीने का पानी आदि सुविधाएं पहुंचाने में सेना की टीम, स्वास्थ्य विभाग, एयरपोर्ट विभाग द्वारा हेलीकॉप्टर सुविधा, जल संसाधन विभाग, संचार सेवाएं आदि के साथ मिलकर कैसे काम करें, इसकी तैयारियों की समीक्षा की गई. वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के सीनियर प्रतिनिधि सैयद अता हसनैन ने भी अपने विचार रखे. इस अवसर पर आपदा प्रबंधन प्रभाग परिसर में एनडीआरएफ़ की टीम द्वारा एक प्रदर्शनी लगाई थी. रेस्क्यू के समय उपयोग होने वाले साधन, वाहन, उपकरण की प्रदर्शनी की गई थी.

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