20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड-बंगाल के बीच पिस रहे डीवीसी ने कर डाली ये मांग, उत्पादन क्षमता 14000 मेगावाट करने का है लक्ष्य

बिजली बनानेवाली कंपनी डीवीसी ने कहा है कि झारखंड और बंगाल दोनों राज्य सरकारें अपने हित में बात करतीं हैं और इसकी वजह से बिजली की समान दर लागू नहीं हो पा रही.

झारखंड और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच पिस रहे दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने एक मांग की है. उसने समान बिजली दर के लिए एक नियामक की मांग की है. डीवीसी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल और झारखंड दोनों सरकारें अपने-अपने हित की बात करतीं हैं. उस आधार पर बिजली की दरें तय करने का दबाव बनाती हैं.

कमांड एरिया में लागू हो एक ही दर : डीवीसी के चेयरमैन बोले

दामोदर घाटी निगम के चेयरमैन एस सुरेश कुमार ने ये बातें कहीं हैं. उनका कहना है कि एक कंपनी से सेवा लेने वाले अलग-अलग राज्यों में रहने वाले उपभोक्ताओं में बिजली की दर को लेकर विवाद होता रहता है. एस सुरेश कुमार कहते हैं कि हम चाहते हैं कि हमारे कमांड एरिया में एक ही दर लागू हो. हमारे कमांड एरिया में झारखंड और पश्चिम बंगाल आते हैं. हमने इस संबंध में ऊर्जा मंत्रालय को अपना प्रस्ताव भेज दिया है और उसके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

CERC तय करता है जेनरेशन और ट्रांसमिशन की दरें

डीवीसी के चेयरमैन कहते हैं कि जेनरेशन और ट्रांसमिशन की दरें CERC तय करता है, लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन टैरिफ पश्चिम बंगाल और झारखंड की राज्य विद्युत नियामक आयोग के द्वारा तय किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि इन दोनों राज्यों के बीच टैरिफ का गैप करीब 50 पैसे का है. बंगाल के उपभोक्ता को 50 पैसे अधिक भुगतान करना होता है.

औद्योगिक उपभोक्ताओं को एक रुपया अधिक करना होता है भुगतान

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में डीवीसी के कुछ इंडस्ट्रियल कंज्यूमर कहते हैं कि उन्हें करीब 1 रुपया अधिक भुगतान करना पड़ता है. एस सुरेश कुमार कहते हैं कि वह चाहते हैं कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (CERC) ही डिस्ट्रीब्यूशन टैरिफ तय करे, ताकि किसी प्रकार का विवाद न रह जाए. साथ ही कंपनी के राजस्व में भी वृद्धि हो.

Also Read : रांची : बकाया बढ़ता रहा, तो डीवीसी को बंद करना पड़ सकता है उत्पादन

डीवीसी ऐक्ट में किसी बदलाव की नहीं होगी जरूरत : अरुप सरकार

इसी विषय में डीवीसी के सदस्य अरुप सरकार ने कहा कि इसके लिए डीवीसी ऐक्ट में किसी प्रकार के बदलाव की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम सिर्फ समान दर की बात कर रहे हैं. हालांकि, इसके लिए दोनों राज्यों को इस प्रस्ताव को मंजूरी देनी होगी. बता दें कि डीवीसी एक ऐसी कंपनी है, जिसका मालिकाना हक केंद्र सरकार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकार के पास भी है.

पंचात में चल रहा 1000 मेगावाट पंप स्टोरेज पावर प्लांट पर काम

ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी की मदद से 1000 मेगावाट पंप स्टोरेज पावर प्लांट पर पंचेत में काम चल रहा है. आम चुनाव के बाद ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट फाइनल हो जाएगा. इसके लिए 7,000 करोड़ रुपए की पूंजी की जरूरत होगी. एस सुरेश कुमार ने यह भी कहा कि हमारा जोर अब हरित ऊर्जा पर है, लेकिन हम थर्मल पावर में 4000 से 4500 मेगावाट क्षमता बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. खाली पड़ी जमीन और डैम एवं जलाशयों में सोलर पावर लगाने पर भी विचार कर रहे हैं.

Also Read : डीवीसी सात जिलों में दे निर्बाध बिजली : सीएम

50 हजार करोड़ के निवेश की डीवीसी कर चुकी है घोषणा

डीवीसी के चेयरमैन ने कहा कि निगम ने आगामी 7-8 साल में 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश से अपनी उत्पादक क्षमता को 14000 मेगावाट करने की घोषणा की थी. अभी थर्मल, हाइडल और सोलर एनर्जी मिलाकर हमारी कुल उत्पादन क्षमता 7000 मेगावाट है. हमें इसे डबल करना है.

350 बड़े औद्योगिक घराने हैं डीवीसी के उपभोक्ता

उन्होंने बताया कि डीवीसी के बड़े उपभोक्ता औद्योगिक संस्थान हैं. हमारी कंपनी पूर्वी क्षेत्र में करीब 350 बड़े उद्योगों को बिजली की आपूर्ति करती है. उन्होंने कहा कि अब हम अपनी कमियों की पहचान करके उसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel