प्रतिनिधि, नामकुम.
राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (निसा) में किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का उदघाटन मुख्य अतिथि कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, विशिष्ट अतिथि खिजरी विधायक राजेश कच्छप, कृषि सचिव अबूबकर सिद्दीकी, संस्थान के निदेशक अभिजीत कर ने दीप जलाकर किया. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के साथ संवाद जरूरी है. राज्य के किसान 90 फीसदी भूमि में सिर्फ धान लगाते हैं. बदलते मौसम, पर्यावरण, मिट्टी, बाजार की बदलती व्यवस्था के साथ किसानों को भी बदलने की जरूरत है. सरकारी संस्था व सरकार का किसानों से तालमेल जरूरी है, तभी किसान समृद्ध व राज्य का विकास होगा. किसानों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना, समझना व अपनाना होगा. उन्होंने कृषि उत्पादक संगठन का गठन करते हुए सहकारिता से रजिस्टर्ड कराने पर जोर दिया.लाह की खेती को मनरेगा से जोड़ें, किसानों की बढ़ेगी आमदनी: राजेश कच्छप
विशिष्ट अतिथि विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि किसान व मनरेगा बड़े संस्थान हैं. लाख की खेती को मनरेगा से जोड़ने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी. ज्यादातर किसान खेती करते हैं. उन्हें शौक से नहीं, व्यापारिक दृष्टिकोण से खेती करने की जरूरत है. राज्य व किसानों की खुशहाली के लिए सरकार, संस्थान व किसानों को मिलकर कार्य करना होगा. कृषि सचिव ने कहा कि खेती के बिना कुछ नहीं हो सकता. देश राज्य के विकास में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है. जमीन, पानी के अलावा उन्नत बीज, वैज्ञानिक विधि, तकनीक, सही बाजार व जानकारी जरूरी है. निदेशक डॉ अभिजीत कर ने संस्थान से किये जा रहे कार्यों, प्रशिक्षण सहित अन्य गतिविधियों की जानकारी दी. प्रदर्शनी में उत्कृष्ट किसानों को अतिथियों ने पुरस्कृत किया व लाख टूल कीट का वितरण किया. प्रदर्शनी से अतिथियों ने शहद प्रसंस्करण व मधुमक्खी उत्पाद विकास केंद्र का उदघाटन व चंदन वाटिका में पौधारोपण किया. मेला परिसर में लगे स्टॉलों का अवलोकन कर किसानों व उद्यमियों से जानकारी ली. संचालन डॉ अंजेश कुमार व धन्यवाद ज्ञापन मेला संयोजक डॉ ज्योतिर्मय घोष ने किया.
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