रांची : जनधन स्कीम के तहत जीरो वैलेंस वाले एकाउंट कभी भी बंद हो सकते हैं. बैंकों ने राज्य भर में ऐसे निष्क्रिय खातों की पहचान कर उसे अपने डेटावेस से डिलीट करने का फैसला लिया है. हालांकि इसकी अधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है. एक बार भी लेनदेन नहीं होने के चलते बैंकों द्वारा ऐसे खातों को डॉरमेंट यानी डेड घोषित किया जा रहा है. कुछ बैंकों ने ऐसे खाताधारकों को बैंक में बुलाकर उन्हें दोबारा चालू कराने की कवायद भी शुरू की है.
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जनधन स्कीम के जीरो बैलेंस वाले एकाउंट पर लटकी तलवार
रांची : जनधन स्कीम के तहत जीरो वैलेंस वाले एकाउंट कभी भी बंद हो सकते हैं. बैंकों ने राज्य भर में ऐसे निष्क्रिय खातों की पहचान कर उसे अपने डेटावेस से डिलीट करने का फैसला लिया है. हालांकि इसकी अधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है. एक बार भी लेनदेन नहीं होने के चलते बैंकों द्वारा […]
हालांकि इसमें भी उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिल रही है. अगर ऐसा हुआ, तो झारखंड के 17 लाख से अधिक जनधन खाते बंद हो सकते हैं, क्योंकि पिछले कई महीनों से इन खातों में कोई लेनदेन नहीं हुआ है और इन खातों की बैलेंस राशि भी जीरो है. वहीं 10 प्रतिशत से ज्यादा रुपे कार्ड एटीएम मशीन से लेनदेन नहीं करने के कारण डेड हो गये हैं. इसके लिए नौ महीने के अंदर एक बार कार्ड का उपयोग करना जरूरी है.
क्या करना चाहिए आपको : बैंक में अगर आपका जनधन खाता है और पिछले कई महीनों से आप इस खाते का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो आपको फौरन उस खाते को सक्रिय बनाने के लिए एक निश्चित राशि का लेन-देन कर लेना चाहिए. बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, यदि खाताधारक खाता चालू रखना चाहता है, तो उसे नोटिस प्राप्त करने के 30 दिनों के अंदर खाता चालू करना होगा. यदि कोई खाताधारक फिर भी खाता नहीं चलाता है, तो उसका खाता हमेशा के लिए बंद मान लिया जायेगा.
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