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रांची : बगैर रसीद के महासंघ ने की दो लाख चंदा वसूली
रांची : बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम कर्मचारी महासंघ के नाम से बनी यूनियन के पदाधिकारियों ने झारखंड स्थित निगम के चार कारखाना कर्मियों से करीब दो लाख रुपये की वसूली की है. पांच दिन पहले हुए वेतन भुगतान के दौरान इइएफ, टाटीसिलवे के कर्मचारियों से अलग वसूली हुई है तथा हाइटेंशन इंसुलेटर, स्वर्णरेखा घड़ी […]
रांची : बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम कर्मचारी महासंघ के नाम से बनी यूनियन के पदाधिकारियों ने झारखंड स्थित निगम के चार कारखाना कर्मियों से करीब दो लाख रुपये की वसूली की है. पांच दिन पहले हुए वेतन भुगतान के दौरान इइएफ, टाटीसिलवे के कर्मचारियों से अलग वसूली हुई है तथा हाइटेंशन इंसुलेटर, स्वर्णरेखा घड़ी कारखाना व मैलुबल कास्ट सामलौंग के कर्मियों से अलग.
दरअसल इन सभी कारखानों के कुल 870 कर्मचारियों का वेतन भुगतान वर्षों से लंबित है. इस मामले में महासंघ ने झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.
इसकी सुनवाई के बाद पारित आदेश के आलोक में ही बकाये वेतन का भुगतान हो रहा है. इधर, हाइकोर्ट के आदेश के बाद कुल 870 कर्मियों को उनके 20 माह के बकाये वेतन का भुगतान हुआ है. महासंघ का कहना है कि उसे वकील की फीस व अन्य खर्च के मद में पैसे की जरूरत होती है. इस संबंध में कर्मचारियों की राय है कि उन्हें एक तय वाजिब रकम देने में कोई परेशानी नहीं है. पर महासंघ के नाम पर यह चंदा बगैर रसीद के कच्चे कागज पर लिया जाता है. हाइटेंशन व अन्य कारखाने में जहां महासंघ के अध्यक्ष ने सबसे 200-200 रुपये चंदा लिया है, वहीं इइएफ में महासंघ के महासचिव की अोर से मजदूरों से 200-200, सुपरवाइजर व अन्य से 500-500 तथा अधिकारियों से 700-700 रुपये लिये गये.
मेरे पास जबरन या अधिक वसूली संबंधी कोई शिकायत नहीं आयी है. यदि कोई लिखित शिकायत करता है, तो इस पर कार्रवाई होगी.
अरविंद कुमार राय, प्रभारी महाप्रबंधक (संयुक्त उपक्रम)
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