मेदिनीनगर : जपला सिद्धनाथ पेट्रोल पंप के पास डीलर ओमप्रकाश सिंह उर्फ बबलू सिंह की हत्या के मामले का पलामू पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने एक महिला व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपी फरार हैं. रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में इंद्रजीत माहथा ने बताया कि 22 अक्तूबर को शाम में डीलर बबलू सिंह की हत्या कर दी गयी थी.
हत्या प्रेम प्रसंग में हुई थी. उन्होंने बताया कि हैदरनगर के बिलासपुर के वंदना सिंह उर्फ रंभा सिंह के साथ बबलू सिंह व जितेन्द्र तिवारी की अनैतिक संबंध था. हाल के दिनों में बबलू सिंह की हरकत से वंदना परेशान हो गयी थी. इस कारण वंदना सिंह दूसरे प्रेमी जितेंद्र तिवारी से बबलू सिंह को रास्ते से हटाने के लिए दबाव दे रही थी.
इसके बाद जितेन्द्र तिवारी ने जपला के ही मुकेश पासवान व बंटी शर्मा से मिलकर बबलू सिंह को मरवाने की योजना बनवायी. जितेंद्र तिवारी ने मुकेश व बंटी को बताया कि बबलू सिंह रोज भरदुल चौधरी के होटल में शराब पीने आता है. वहीं पर इस घटना को अंजाम दिया जा सकता है.
इस योजना के तहत 22 अक्तूबर को मुकेश व बंटी भरदुल के होटल में पहुंचे. वहां पहले से बबलू सिंह बैठा था. इसी दौरान मुकेश ने बबलू सिंह को सटाकर गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गयी. पुलिस अधीक्षक श्री माहथा ने बताया कि जितेंद्र तिवारी की जपला में शृंगार की दुकान है. वहां वंदना सिंह समान खरीदने जाती थी. इसी दौरान दोनों के बीच संबंध हो गये.
जबकि वंदना का बबलू सिंह के साथ पूर्व से ही संबंध था. जितेंद्र तिवारी व वंदना के बीच हुए अनैतिक संबंध की जानकारी जब जितेंद्र की पत्नी को मिली तो जितेंद्र व पत्नी के बीच काफी विवाद हुआ. इसके बाद जितेंद्र व वंदना के बीच दूरी बढ़ गयी. इसी बीच वंदना का बबलू के साथ ज्यादा नजदीकी हो गयी. बबलू बराबर वंदना को इधर -उधर ले जाने लगा, जिस कारण वंदना की बदनामी बढ़ने लगी.
वह बबलू से अजीज होकर जितेन्द्र तिवारी से संबंध बढ़ाकर बबलू सिंह को रास्ते से हटाने की बात कही. इसके बाद जितेंद्र ने बबलू सिंह की हत्या की योजना बनायी थी. प्रेस कांफ्रेंस में अनुमंडल पुलिस पदाधिकरी मनोज महतो, पुलिस निरीक्षक प्रभाकर सिंह, थाना प्रभारी रासबिहारी लाल मौजूद थे.
जितेंद्र ने मित्रों के साथ मिल कर कराया था रोड जाम
पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि पुलिस को दिग्भ्रमित करने के लिए आरोपी जितेंद्र तिवारी ने अपने मित्र ज्ञान प्रकाश उपाध्याय व नागेंद्र उपाध्याय से मिलकर सड़क जाम कराकर पुलिस को भटकाने का काम किया. उन्होंने बताया कि घटना के बाद अखिलेश सिंह पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
जिसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन अभी तक जो अनुसंधान किया गया है उसमें अखिलेश सिंह का इस घटना से कोई संबंध नहीं है. एसपी श्री माहथा ने बताया कि बबलू सिंह की हत्या करने के लिए जितेन्द्र तिवारी ने मुकेश व बंटी को 20 हजार रुपया अग्रिम के रूप में दिया था. कहा था कि काम होने के बाद और पैसा देंगे.
घटना को अंजाम देने के बाद दोनों को भगाने में भी जितेन्द्र तिवारी द्वारा सहयोग किया गया था. फिलहाल मुकेश व बंटी का लोकेशन मुंबई में मिल रहा है. एसपी श्री माहथा ने कहा कि जल्द ही दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जायेगी.