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ओके…. सरहूल पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजित

फोटो : 23 जाम 06,07,08 मिहिजाम . सरहूल पर्व पर सोमवार को बड़जोरा ग्राम संसद भवन में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में जामताड़ा व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धार्थ मंडल ने कहा नशा और कुसंस्कार जैसी कुरीतियों का समाज में कोई स्थान नहीं है. इसका परित्याग कर देना चाहिए. परिवार व समाज की उन्नति […]

फोटो : 23 जाम 06,07,08 मिहिजाम . सरहूल पर्व पर सोमवार को बड़जोरा ग्राम संसद भवन में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में जामताड़ा व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धार्थ मंडल ने कहा नशा और कुसंस्कार जैसी कुरीतियों का समाज में कोई स्थान नहीं है. इसका परित्याग कर देना चाहिए. परिवार व समाज की उन्नति के लिए महिलाओं का शिक्षित होना आवश्यक है. सास अपने बहू को बेटी समान और बहू सास को मां जैसी माने तो परिवार में महिला उत्पीड़न की घटना नहीं होगी. फिर भी महिलाओं व बालिकाओं के साथ किसी तरह की हिंसा होती है तो वे न्याय के लिए थाना एवं विधिक प्राधिकार से शिकायत करें. मामले में त्वरित कार्रवाई होगी. विवाहित महिलाएं भी यह ध्यान रखे कि कानून का डर दिखाकर अपना गृहस्थ संसार तबाह न कर दे. सीजेएम बड़जोरा में ओंकार सेवा संस्थान एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा महिला हिंसा पर जागरूकता शिविर आयोजित किया गया था. उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को ऐसा मोबाइल दे जिससे वे प्रदूषित होने से बचे. इससे पहले सहायक श्यामनंदन सहाय ने कहा कि आज बच्चियों को भी शिक्षा के अधिकार के तहत 14 वर्ष की उम्र तक मुफ्त शिक्षा देने का कानून बना है. इसके अलावा वर्ष 2013 के बाद तो महिलाआंें के लिए इतना सख्त कानून बना है कि अगर रास्ते में, बसों में, कॉलेजों मंे या कहीं भी जान-बूझ कर कोई छुए, फब्तियां कसे या फिर छेड़खानी करे तो आरोपी को जेल जाना पड़ सकता है. इसलिए महिलाएं निर्भिक होकर समाज में आगे आये. कानून उनके साथ है. हां लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि इस कानून का दुरुपयोग ना किया जाय.

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