Jamshedpur news.
निजी अस्पताल का बिल बकाया होने के बाद भी कोई अस्पताल शव को नहीं रोक सकता है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया है, जिसकी प्रति शनिवार को जिला स्वास्थ्य विभाग को मिला. विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा द्वारा जारी आदेश राज्य के सभी डीसी व सभी जिलों के सिविल सर्जन को भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि यह सुनिश्चित किया जाये कि राज्य के निजी अस्पताल किसी भी मरीज की मृत्यु हो जाने पर बकाया बिल के कारण उसके शव को परिजनों को सौंपने से इनकार नहीं कर सकें. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी अस्पताल को मरीज की मृत्यु के बाद उसके शव को इसलिए नहीं रोकना चाहिए, क्योंकि परिवार द्वारा बकाया भुगतान नहीं किया गया है. यह अमानवीय और पीड़ादायक स्थिति उत्पन्न करता है. आदेश में पेशेंट्स राइट्स एंड रिस्पांसिबिलिटी चार्टर का हवाला देते हुए कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में मरीज के शव को परिजनों को सौंपने से इनकार नहीं किया जा सकता. यह चार्टर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट 2010 के तहत तैयार किया गया है. सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इसे प्रदर्शित करना अनिवार्य है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है