जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा प्रखंड में मनरेगा में 67 लाख गोलमाल की जांच महालेखाकार की कड़ी आपत्ति के बाद सात साल बाद प्रशासन ने फिर से शुरू कर दी है. डीडीसी विश्वनाथ महेश्वरी ने बहरागोड़ा के बीडीओ को नोटिस भेजकर राशि निकासी के काल में तैनात तत्कालीन बीडीओ, बीपीओ, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, बड़ा बाबू, डिलिंग क्लर्क समेत अन्य जानकारी मांगी है.
जनसेवक बिरसा भगत (मृत) ने 67 लाख रुपये बतौर एडवांस मनरेगा की 60 छोटी-बड़ी योजनाओं के मद में लिया था. हालांकि इसमें मात्र एक-दो योजनाओं पर ही काम जमीन पर हुआ. मनरेगा में लाखों के गोलमाल पर पूर्व में महालेखाकार की आपत्ति के बाद ही ग्रामीण विकास विभाग ने एडवांस लेने वाले अभिकर्ता सह जनसेवक की खोज की थी. पूर्व डीडीसी सूरज कुमार के कार्यकाल में अग्रिम राशि की जांच के दौरान 60 योजनाओं की एमबी, रजिस्टर आदि दस्तावेज गायब मिले थे. एम
बी बुक नहीं मिलने के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. महालेखाकार की दोबारा कड़ी आपत्ति के बाद 67 लाख गोलमाल का मामला फिर से प्रशासन की गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है.