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खरकई में हाथ-मुंह धोने गये बजरंग लाल भरतिया लापता, नदी में उतरते देख मछुआरों ने रोकने का किया था प्रयास, पर नहीं माने

जमशेदपुर : खरकई नदी में हाथ-मुंह धोने उतरे जुगसलाई बाटा चौक निवासी समाजसेवी सह कपड़ा व्यवसायी बजरंग लाल भरतिया (73) लापता हो गये है. घटना गुरुवार शाम की है. उनकी स्कूटी और चप्पल शिव घाट के पीछे से बरामद की गयी है. स्कूटी लॉक थी. स्कूटी से कुछ दूरी पर चप्पल पड़ी थी. पुलिस ने […]

जमशेदपुर : खरकई नदी में हाथ-मुंह धोने उतरे जुगसलाई बाटा चौक निवासी समाजसेवी सह कपड़ा व्यवसायी बजरंग लाल भरतिया (73) लापता हो गये है. घटना गुरुवार शाम की है. उनकी स्कूटी और चप्पल शिव घाट के पीछे से बरामद की गयी है. स्कूटी लॉक थी. स्कूटी से कुछ दूरी पर चप्पल पड़ी थी. पुलिस ने जांच में पाया कि बजरंग लाल भरतिया को गुरुवार शाम करीब 6.45 बजे मछुआरों ने नदी में जाने से रोका था. पर वह नहीं माने. पुलिस ने मछुआरा हरिजन बस्ती निवासी जोसेफ नाग और सोनू का बयान भी लिया है. आशंका जतायी जा रही है िक वह नदी में डूब गये हैं. पुलिस आत्महत्या के िबंदु पर भी जांच कर रही है.
परिजनों ने काफी तलाशा, पर नहीं मिला सुराग : कई संस्थाओं से जुड़े बजरंग लाल भरतिया की देखरेख में ही शिव घाट में पार्क का निर्माण कराया जा रहा था. बेटे कमल भरतिया के अनुसार, वह प्रतिदिन शाम चार बजे स्कूटी से शिव घाट जाते थे.
वहां से रात आठ-साढ़े आठ बजे तक घर लौट आते. 30 अगस्त की रात नौ बजे तक घर नहीं लौटे, तो उनकी तलाश शुरू की गयी. वह मोबाइल नहीं रखते थे. इस कारण जुगसलाई में जिन दुकानों में वह बैठते थे, वहां खोजबीन की गयी. लेकिन कुछ पता नहीं चला. बाद में बेटे ने शिव घाट के व्यवस्थापक ओम प्रकाश को फोन किया, तो पता चला कि बजरंग लाल शाम 5.30 बजे ही शिव घाट से निकल गये थे. वह ओम प्रकाश के साथ राजस्थान सेवा सदन तक गये थे. वहां पर माली से फव्वारा लगाने के बिंदु पर बातचीत की थी. इसके कहां गये, किसी को पता नहीं चला.
बेटे ने रात को दर्ज करायी थी शिकायत
पिता के नहीं मिलने के बाद कमल भरतिया रात करीब 10.30 बजे शिव घाट पहुंचे. व्यवस्थापक को साथ लेकर शिव घाट के नीचे खोजबीन की, तो उनकी स्कूटी मिली, जो लॉक थी. इसके बाद मोबाइल की रोशनी में आस-पास खोजा गया, पर कुछ पता नहीं चला. इसके बाद कमल घर लौट आये. परिवार वालों को पूरी जानकारी दी. रात करीब 12.30 बजे सभी लोग थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज करायी. इसके बाद पुलिस की सलाह पर घर से दूसरी चाबी लाकर शुक्रवार सुबह पांच बजे स्कूटी घर ले गये.
रात में नहीं थी चप्पल, सुबह में दिखायी दी
कमल भरतिया ने बताया, रात में स्कूटी के पास हमलोगों को कोई चप्पल नहीं मिली थी. पर सुबह जब उसी जगह पर गये थे, चप्पल पड़ी थी. रात में बारिश हो रही थी. आसपास की पूरी सड़क कीचड़ से सनी है. पर चप्पल पूरी तरह साफ मिली. ऐसा लगता है कि किसी ने चप्पल वहां लाकर रख दी.
मिले सीसीटीवी फुटेज
पुलिस को शिव घाट के रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरा का फुटेज हाथ लगा है. इसमें बजरंग लाल भरतिया के दो बार शिव घाट जाने की तस्वीर कैद है. आखिरी बार वह शिव घाट गये और फिर वापस नहीं लौटे.
मंत्री सरयू राय सहित कई लोग पहुंचे
घटना की सूचना मिलने के बाद मंत्री सरयू राय समेत महाकालेश्वर छठ घाट, रानी सती सत्संग समिति के पदाधिकारी, मारवाड़ी समाज और व्यवसायी जगत के लोग शिव घाट पहुंच गये थे. घटना की जानकारी ली.
आधे घंटे तक नदी किनारे बैठे रहे, फिर पानी में गये, बार-बार रोका, पर नहीं माने : मछुआरा
जमशेदपुर : व्यापारी बजरंग लाल भरतिया को नदी में जाते हुए दो मछुआरों ने देखा था. उनके बार-बार रोकने पर भी वे नहीं माने और डांटते हुए आगे बढ़ गये. शिव घाट पर मछली मारने पहुंचे जोसेफ नाग और उसके दोस्त सोनू ने पुलिस को बताया कि गुरुवार शाम छह बजे के करीब नदी में जाने से पहले आधे घंटे तक मुंह लटका कर एक वृद्ध बैठे थे.
वे काफी तनाव में दिख रहे थे. कुछ ही दूरी पर उनकी स्कूटी खड़ी थी.जोसेफ नाग ने प्रभात खबर को बताया कि साढ़े छह बजे अंधेरा होने जा रहा था. वह अपने दोस्तों के साथ मछली पकड़कर नदी से बाहर निकले और बच्चे को गोद में लेकर जाने लगे. इस दौरान उसने वृद्ध को भी घर जाने की बात कही, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
वह शिव घाट से उपर 20 कदम आगे बढ़े थे, तभी पीछे घूम कर देखा तो वृद्ध चप्पल उतारकर नदी के अंदर जा रहे थे. मैंने मना किया कि पानी गहरा है आगे मत जाइये, लेकिन उन्होंने हाथ-मुंह धोकर वापस आने की बात कही, जिसके बाद वह अपने दोस्त के साथ चला गया. इसके बाद क्या हुआ, उसे नहीं मालूम. पुलिस ने मछुआरे का बयान ले लिया है, जिसके बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि बजरंग लाल भरतिया की डूबने से मौत हुई.

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