हजारीबाग. केरेडारी थाना क्षेत्र के कंडाबेर व बारियातु की सीमा पर स्थित खावा नदी के किनारे एक अवैध कोयले की खदान में नदी का पानी घुसने से तीन मजदूर फंस गये हैं. समाचार लिखे जाने तक अवैध उत्खनन में लगे प्रमोद साव (लगभग 45 वर्ष), उमेश कुमार (25 वर्ष), और नौशाद आलम (25 वर्ष) का पता नहीं चल पाया है. प्रशासन ने मजदूरों को निकालने के लिए एनटीपीसी से मदद मांगी है. जानकारी के अनुसार, एनटीपीसी ने अवैध कोयला खदान से पानी निकालने के लिए तीन बड़े मोटर पंप उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.
कैसे हुई घटना
केरेडारी कंडाबेर के खावा नदी के किनारे कोयले का अवैध उत्खनन कई माह से बड़े पैमाने पर किया जा रहा था. 21 मई की दोपहर तीन बजे अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी. बारिश को देखते हुए कोयले का अवैध उत्खनन करने वाले तीनों लोग खदान के अंदर रखे गये पानी निकालने वाली मशीन को बाहर निकालने पहुंचे थे. इसी बीच तेज बारिश होने के कारण नदी में बनायी गयी मेढ़ टूट गयी और बाढ़ का पानी अवैध कोयला खदान में घुस गया, जिसके कारण तीनों मजदूर खदान में ही फंस गये. इनमें प्रमोद साव व नौशाद आलम खदान संचालक थे. वहीं उमेश साव ट्रैक्टर चालक था, जो अवैध कोयला की ढुलाई करता था.परिजनों का हाल बेहाल
अवैध कोयले की खदान में लापता नौशाद आलम, प्रमोद साव व उमेश साव के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. नौशाद की पत्नी अजमेरी खातून के अलावा तीन पुत्र और एक पुत्री है. प्रमोद साव की पत्नी मंजू देवी के अलावा दो पुत्र हैं, वहीं उमेश साव की पत्नी के अलावा एक पुत्र है. लापता लोगों के परिजन काफी परेशान हैं.क्या कहते हैं लापता के परिजन
खदान में लापता कंडाबेर गांव निवासी नौशाद की पत्नी अजमेरी खातून और प्रमोद साव की पत्नी मंजू देवी ने बताया कि बुधवार दोपहर एक बजे खराब मौसम देखते हुए वे घर में खदान जाने की बात कर रहे थे. बारिश शुरू होने से पहले पानी की मशीन को खदान से बाहर निकालने वाले थे. तीनों ने मोबाइल के माध्यम से बातचीत की, इसके बाद तीनों बाजारटांड़ कंडाबेर पहुंचे और वहां से खदान चले गये. परिजनों ने बताया कि चार बजे ग्रामीणों से सूचना मिली कि तीनों खदान में डूब गये हैं. डूबने की जानकारी मिलते ही परिजन खोजबीन के लिए खदान पहुंचे.घटना की सूचना सुबह मिली थी : सीओ
अंचलाधिकारी रामरतन वर्णवाल ने बताया कि घटना की सूचना सुबह मिली थी. घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया. इसके बाद एनटीपीसी के अधिकारियों को फोन कर कंपनी से तीन वाटर पंप मंगाये गये. तीनों पंप की मदद से खदान का पानी सुखाने का प्रयास किया जा रहा है.अवैध उत्खनन की जानकारी नहीं : थाना प्रभारी
केरेडारी थाना प्रभारी विवेक कुमार ने बताया कि उन्हें अवैध कोयला उत्खनन की जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि जंगल में कोयले की अवैध खदान चलती है, इसकी जानकारी पहली बार हुई है. लापता लोगों को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है. मामले की जांच-पड़ताल कर अवैध कार्य में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है