हजारीबाग. हजारीबाग के सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी समाज के बीच सक्रिय हैं. अपनी दूसरी पारी में समाज व परिवार को समय दे रहे हैं. बुजुर्गों ने बताया कि पहली इनिंग में पूरी निष्ठा के साथ समाज और देश के विकास में पूर्ण सहयोग किया है. अभी हमलोग थके नहीं हैं. शारीरिक रूप से थोड़े कमजोर जरूर हुए हैं, लेकिन हमारा जोश आज भी नौजवानों की तरह है. कनीय अभियंता से सेवानिवृत्त बिजेंद्र सिंह ने कहा कि नौकरी के दौरान हमलोग परिवार वालों को पूरा समय नहीं दे पाते थे. अब रिटायमेंट के बाद हित, कुटुंब के यहां जाकर सामाजिक दायित्व निभा रहा हूं. घर में पोता के साथ खेलकर बचपना वापस लौट आया है. सामाजिक कार्य के रूप में मटवारी गांधी मैदान स्थित मंदिर में समय देता हूं. आरइओ से सेवानिवृत्त अशोक कुमार सिंह ने कहा कि रिटायर होना सेवाकाल का नीलाम नहीं, बल्कि जिंदगी की दूसरी पारी की शुरुआत है. अपने अनुभवों की पूंजी समाज और परिवार को दे रहा हूं. अधिकतर समय अपने स्वास्थ्य पर दे रहा हूं. सुबह-शाम योगा व टहलना इसमें शामिल है. इसके अलावा आरएसएस के शाखा से जुड़कर सामाजिक कार्य करता हूं. सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त प्रमानंद सिंह ने कहा कि रिटायमेंट के बाद जिंदगी के दूसरे पड़ाव में अपने घर-परिवार के साथ मजे से गुजार रहा हूं. गांव जाकर अपनी पुश्तैनी जमीन व मकान की देखभाल करने का मौका अब मिलता है. मटवारी गांधी मैदान में बुजुर्गों की एक संगठन है, जो गांधी मैदान के चारों ओर लगे पौधों की सिंचाई व कोड़नी सहित कई काम करता है. बोकारो स्टील सिटी से सेवानिवृत्त राम कुमार सिंह ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद मैं अपना समय स्वास्थ्य को बेहतर करने में लगा रहा हूं. सुबह-शाम अपने दोस्तों से मिलकर एक-दूसरे के सुख-दुःख को साझा करता हूं. समय बचता है तो धार्मिक कार्य में भी हिस्सा लेता हूं.
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