बरही. गर्मी आते ही बरही और चौपारण में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गयी है. ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं. जबकि बरही के सात हजार और चौपारण के 28 हजार घरों को फिल्टर पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन के तहत 55 करोड़ की प्राक्कलित राशि से बरही ग्रामीण जलापूर्ति प्लांट निर्माणाधीन है. निर्माण कार्य वर्ष 2023 में शुरू हुआ था और 27 महीने में कार्य पूरा कर जलापूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित है. 21 माह से अधिक समय बीत गया है, पर कार्य में भारी सुस्ती देखी जा रही है. इस जलापूर्ति प्लांट के लिए रॉ-वाटर जवार घाटी स्थित तिलैया डैम से लाया जाना है, पर अभी तक इंटेक वेल का निर्माण नहीं हुआ है. इंटेक वेल के निर्माण स्थल की स्थिति देखकर इस निर्माण योजना की लेट-लतीफी का अंदाजा लगाया जा सकता है. जवार पहाड़ी के पास 3.1 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी अधूरा है. जब यह स्थिति है तो बरही और चौपारण के 35 हजार घरों में फिल्टर जलापूर्ति कब संभव होगी?
बरही शहर कब तक रहेगा प्यासा : अध्यक्ष
बरही व्यवसायी संघ के अध्यक्ष कपिल प्रसाद केसरी ने यह सवाल किया है कि जल स्वच्छता विभाग बरही शहर वासियों को कब पीने के लिए फिल्टर स्वच्छ पानी की व्यवस्था करेगा. गर्मी में पूरे शहर में पानी की किल्लत लोगों को परेशान कर रही है.
पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है: अमित साहू
सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहू ने बताया कि लोगों को मजबूरी में जार का पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है. रोज-रोज पानी खरीदना संभव नहीं है. गरीब लोग तो पानी खरीद भी नहीं पा रहे हैं.
धोबी-पिछवानी, तेली टोला-राना टोला में जल संकट
छोटन ठाकुर ने बताया कि धोबी टोला व पिछवानी टोला के सभी चापाकल सूख गये हैं. मुहल्ले में जल संकट उत्पन्न हो गया है. टैंकर से पानी पहुंचाना पड़ रहा है. रोज-रोज टैंकर से पानी देना मुमकिन नहीं है. बरही पश्चिमी पंचायत के मुखिया शमशेर आलम ने बताया कि तेली टोला व राना टोला में भी टैंकर से पानी पहुंचाने की स्थिति आ गयी है. इसकी व्यवस्था की कोशिश कर रहे हैं. दोनों मुखिया ने माना कि यदि बरही ग्रामीण जलापूर्ति प्लांट पूर्ण हो गया होता तो यह नौबत नहीं आती. बेंदगी पंचायत के मुखिया सिकंदर राना ने कहा कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण उनके ही पंचायत क्षेत्र में हो रहा है. पंचायत वासियों को उम्मीद थी कि उन्हें गर्मी में फिल्टर पानी पीने को मिलेगा, पर निर्माण कार्य की गति से पंचायत वासियों की उम्मीद पर पानी फिर गया है.
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