बड़कागांव. दो दिवसीय बनस मंडा पर्व के लिए दो दिवसीय बनस मेला शुरू हो गया. शिव भक्तों ने सोमवार को नदी में जाकर सात बार स्नान किया और पूजा-अर्चना की. पूजा के दौरान लाल फूल भंडार कोण की ओर गिरा. जिससे माना गया कि बड़कागांव क्षेत्र की व्रत कथा होगी. लोगों की मनोकामना पूरी होगी. इसके बाद भगवान शंकर के शिवलिंग को मिट्टी से बांधा गया और दूध व पानी के तालाब में शिवलिंग को डूबा दिया गया. एक मिनट बाद तालाब का बांध भंडार कोण की ओर टूट गया. जिसे माना गया कि इस वर्ष बड़कागांव में अच्छी बारिश होगी. फसल की उपज अच्छी होगी. लोगों की सुख सुविधा मिलेगी. बीमारी से लोगों को मुक्ति मिलेगी. 20 मई को शिव भक्त अपने पीठ में लोहे के कील से छिदवा कर 50 फीट ऊंचे खंभे में लगे लाठ में कील के सहारे झूलेंगे. पुरोहित रोहित सतीश मिश्रा ने बताया कि आज बनस झूला के पहले भगवान शंकर व पार्वती का विवाह कराया जाता है. शंकर भगवान का तिलक उत्सव किया गया. मंडपाच्छादन व घीधारी पुजारी चिंतामणि महतो और यशोदा देवी द्वारा किया गया. इसके बाद भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह कराया गया. वैसे तो यह पर्व 15 दिन से ही शुरू हो जाती है. मौके पर पाठ पुजारी जोधन महतो, बजनिया धनेश्वर राम, भगत पुसन भुइयां, फूल भगत विकास राम, बालेश्वर महतो, दिलीप कुमार, संजीत भुइयां, रवींद्र भुइयां, विनोद राम, संतोष राम, मनोज राम, रोहित राम, पवन कुमार, रोशन कुमार, साहिल कुमार, रंजीत तुरी, सोमनाथ महतो, चंदर रजवार, चेतलाल महतो, समिति के अध्यक्ष पिंटू गुप्ता, उपाध्यक्ष प्रकाश कुमार, सचिव पवन कुमार, उपसचिव हरिनाथ राम, कोषाध्यक्ष अनिल प्रसाद दांगी, उप कोषाध्यक्ष संजय कुमार, संरक्षक दर्शन प्रसाद कुशवाहा, जयशंकर मेहता, चमन महतो, अंतू महतो, रतन महतो आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है