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केओ कॉलेज गुमला के प्राचार्य का चैंबर में घुस कर गला काटा

गुमला: कार्तिक उरांव कॉलेज (केओ), गुमला के प्रभारी प्राचार्य डॉ शशि भूषण की बुधवार काे उनके चैंबर में घुस कर हत्या कर दी गयी. इसी कॉलेज के निष्कासित स्नातक पार्ट थ्री के छात्र राकेश कुजूर उर्फ कृष्णा ने दिन के 12 बजे घटना काे अंजाम दिया. प्राचार्य अपने कार्यालय में बैठे हुए थे. तभी राकेश […]

गुमला: कार्तिक उरांव कॉलेज (केओ), गुमला के प्रभारी प्राचार्य डॉ शशि भूषण की बुधवार काे उनके चैंबर में घुस कर हत्या कर दी गयी. इसी कॉलेज के निष्कासित स्नातक पार्ट थ्री के छात्र राकेश कुजूर उर्फ कृष्णा ने दिन के 12 बजे घटना काे अंजाम दिया. प्राचार्य अपने कार्यालय में बैठे हुए थे.

तभी राकेश भुजाली लेकर घुसा और उनका गला काट दिया. आरोपी 25 मिनट तक भुजाली लेकर कॉलेज में घूमता रहा. नामांकन केंद्र में भुजाली लेकर पहुंचा, तो डर से कर्मचारियों ने दरवाजा बंद कर लिया. भुजाली के वार से तड़पते प्राचार्य को लेकर कॉलेज के कर्मचारी अस्पताल पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घाेषित कर दिया. घटना के बाद पुलिस ने आरोपी छात्र को कॉलेज के छात्रावास से गिरफ्तार कर लिया.

हत्या में प्रयुक्त भुजाली भी बरामद कर लिया गया है. आरोपी राकेश गुमला थाना के हुरहुरिया गांव का है. आर्ट्स का स्टूडेंट हैं. पिता का नाम स्व अनिल कुजूर है. माता-पिता का निधन हो चुका है. वह छात्रावास में वर्ष 2011 से रह कर पढ़ाई कर रहा है.

विरोध में रोड जाम, तोडफोड, लाठीचार्ज
घटना से आक्रोशित लोग सड़क पर उतर आये. टावर चौक, पटेल चौक, जशपुर रोड, पालकोट रोड के पास सड़क जाम कर दी. शहर की सभी दुकानें बंद हो गयीं. उग्र लोगों ने पांच बस व दर्जनों छोटे वाहनों का शीशा तोड़ दिया. पुलिस ने सड़क जाम हटाने व उपद्रव को रोकने के लिए लाठी चार्ज किया. एक घंटे तक राेड जाम रहा. घटना के बाद से गुमला शहर व केओ कॉलेज परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है.

कैंपस से छात्रावास हटाना चाहते थे प्राचार्य
घटना के बाद प्राचार्य काे लेकर अस्पताल पहुंचे कॉलेज के कर्मचारी विकास कुमार ने पुलिस को दिये अपने बयान में कहा है कि प्राचार्य ने कॉलेज में पुलिस पिकेट की स्थापना व कॉलेज परिसर से छात्रावास हटाने की मांग की थी. इसी गुस्से में उनकी हत्या की गयी है. क्योंकि जब से डॉ शशिभूषण प्राचार्य बने थे, छात्रावास के छात्रों की दबंगई खत्म हो गयी थी.

गर्दन पर दो बार वार किया
घटना के चश्मदीद प्रो जीतवाहन बड़ाइक ने बताया कि वह प्राचार्य के साथ उनके कार्यालय में बैठे हुए थे. तभी राकेश भुजाली लेकर पहुंचा. बिना कुछ कहे प्राचार्य की गर्दन पर भुजाली से वार किया. प्राचार्य जमीन पर गिर गये, तो दोबारा भुजाली से हमला कर वहां से निकल गया.

निष्कासन से नाराज था राकेश
शिक्षकों के अनुसार, पूर्व में परीक्षा के दौरान आराेपी छात्र राकेश को निष्कासित किया जा चुका था. तब से वह प्रतिशोध की ताक में था. आरोपी से पूछताछ हो रही है. इसमें और कुछ लोगों का हाथ हो सकता है. दिनेशचंद्र मिश्र, डीसी, गुमला

आराेपी का बयान पुख्ता नहीं
आरोपी ने जो बयान दिया है. वह पुख्ता नहीं लग रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.भीमसेन टुटी, एसपी, गुमला

दूसरे छात्रों के दबाव में आकर हत्या की
आरोपी राकेश ने पुलिस से कहा है कि छात्रावास के रसोइये ने उसे 8600 रुपये िदये थे, जो उससे खर्च हो गया. इसकी जानकारी सीनियर छात्रों को हुई, तो वे पैसा मांगने लगे. इस पर 12 अक्तूबर को छात्रावास में बैठक हुई थी. उस पर पैसा लौटाने को कहा गया. कहा गया कि पैसा नहीं है तो प्राचार्य डॉ शशि भूषण से मांगो. बाद में पैसा मांगने की जगह उन लाेगाें ने प्राचार्य की हत्या करने का दबाव बनाया. हत्या के बाद हथियार लेकर पूरे कॉलेज में घूमने के लिए कहा गया. दूसरे छात्रों के दबाव में आकर उसने प्राचार्य को भुजाली से काट डाला.

तीन वर्ष सेवा बाकी थी डॉ शशिभूषण की
मुख्य संवाददाता, रांची
केअो कॉलेज गुमला के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ शशिभूषण की सेवानिवृत्ति में अभी लगभग तीन वर्ष बाकी थे. मूल रूप से सीवान के रहनेवाले डॉ शशिभूषण का जन्म 30 जून 1953 में हुआ था. वह रांची कॉलेज से स्नातक व स्नातकोत्तर भूगोल से करने के बाद 25 नवंबर 1978 में केअो कॉलेज में व्याख्याता बने. 25 नवंबर 1988 में रीडर बने. 31 अगस्त 2012 को उनको कॉलेज का प्रोफेसर इंचार्ज बनाया गया.

डॉ शशिभूषण को भूगोल विषय में वरीयता के कारण रांची विवि स्नातकोत्तर भूगोल विभाग का अध्यक्ष बनाया जाना था. पूजा के अवकाश के बाद अधिसूचना जारी होती, लेकिन डॉ शशिभूषण ने केअो कॉलेज गुमला में ही रहने का अाग्रह कुलपति से किया अौर विभागाध्यक्ष बनने पर अपनी असहमति दी थी.

उन्होंने अपने कार्यकाल में केअो कॉलेज गुमला कैंपस का काफी विस्तार किया. राज्य सरकार ने कॉलेज परिसर में ही एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम बनाने के लिए लगभग चार करोड़ रुपये की स्वीकृित दी है. हत्या की खबर मिलते ही कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय, डीएसडब्ल्यू डॉ सतीशचंद्र गुप्ता, रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी गुमला गये. वहां कॉलेज में शिक्षकों, कर्मचारियों से घटना की जानकारी ली. इसके बाद उनकी पत्नी से मिले. कुलपति ने उपायुक्त से मुलाकात कर घटना के संबंध में बातचीत की.

घटना से शिक्षाविद स्तब्ध
केअो कॉलेज गुमला के प्रोफेसर इंचार्ज व भूगोल के प्राध्यापक डॉ शशिभूषण की हत्या पर रांची के शिक्षाविद स्तब्ध हैं. रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने इसे कायरतापूर्ण कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि डॉ शशिभूषण अच्छा कार्य कर रहे थे. इस घटना की जितनी भर्त्सना की जाये, कम है. रांची विवि के प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन ने घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. एक छात्र द्वारा अपने ही शिक्षक की हत्या कर देना चिंता का विषय है. रांची कॉलेज के प्राचार्य डॉ यूसी मेहता ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि इस घटना के पीछे के कारणों को जानने की आवश्यकता है. कॉलेज कैंपस में इस तरह की घटना चिंतनीय है. रांची वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ मंजु सिन्हा ने कहा कि डॉ शशिभूषण एक सुलझे हुए अौर अच्छे व्यक्ति थे. इस घटना की जितनी भी निंदा की जाये कम है. सभी कॉलेज कैंपस में सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए. पूर्व सिंडिकेट सदस्य डॉ एएम तिवारी ने कहा कि डॉ शशिभूषण उनके रूम पार्टनर रह चुके थे. इस घटना के पीछे किसी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.रांची विवि शिक्षक संघ के प्रवक्ता सह सीनेट सदस्य डॉ मिथिलेश ने कहा कि इस जघन्य हत्याकांड की जांच होनी चाहिए. एक छात्र द्वारा प्राचार्य की हत्या करना विवि के इतिहास की पहली घटना है. शिक्षक नेता व सीनेट सदस्य डॉ अशोक कुमार सिंह ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग सरकार से की है.

छात्र संगठनों ने भी निंदा की
केअो कॉलेज गुमला के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ शशिभूषण की हत्या की छात्र संगठनों ने भी निंदा की है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस घटना की घोर निंदा की है. महानगर मंत्री शशांक राज ने कहा कि शिक्षक की हत्या करनेवाला छात्र नहीं बल्कि अपराधी है. दोषी को फांसी से कम की सजा नहीं होनी चाहिए. परिषद ने सभी कल्याण विभाग के छात्रावास की जांच कराने अौर इस घटना की भी जांच कराने की मांग सरकार से की है. एनएसयूआइ के राष्ट्रीय प्रतिनिधि कुमार रौशन ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है व दोषी को सजा दिलाने की मांग की है. रांची विवि के शिक्षक नेता डॉ बब्बन चौबे, करमा उरांव, डॉ शाहिद हसन, डॉ हरिअोम पांडेय, डॉ एलके कुंदन, डॉ एसएम अब्बास आदि ने भी घटना की निंदा करते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने व कॉलेज कैंपस में सुरक्षा की मांग की है.

विवि में बैठक स्थगित
केअो कॉलेज गुमला के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ शशिभूषण की हत्या के बाद रांची विवि मुख्यालय में बुधवार को सोशल साइंस रिसर्च काउंसिल की बैठक स्थगित कर दी गयी. विवि प्रशासन ने गुरुवार को होनेवाली ह्यूमनिटिज रिसर्च काउंसिल की बैठक स्थगित कर दी है. गुरुवार को डॉ शशिभूषण के गुमला में अंतिम संस्कार में भाग लेने कुलपति, रजिस्ट्रार व अन्य अधिकारी जायेंगे.

हंसमुख और बहुत जिम्मेवार व्यक्ति थे
डॉ राकेश नारायण
शशिभूषण रांची विवि स्नातकोत्तर भूगोल में मुझसे दो वर्ष जूूनियर थे, लेकिन हमेशा साथ रहते थे. कारण यह था कि हम दोनों गुमला से थे. वह हंसमुख व मिलनसार व्यक्ति थे. मेधावी भी थे. पीजी में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए. पीजी में साथ रहते थे, लेकिन हमेशा एक सीनियर की तरह इज्जत करते थे. यह उनके संस्कार में था. हम दोनों ने वर्ष 1978 में एक साथ व्याख्याता के पद पर योगदान दिया. वह केअो कॉलेज गुमला गये अौर मैंने डोरंडा कॉलेज में योगदान किया. वे एक शिक्षक के साथ-साथ कुशल मैनेजर भी थे. किसी काम को अच्छी तरह मैनेज कर उसे पूरा कराने में वे माहिर थे. अपने कार्यकाल में उन्होंने कॉलेज का काफी विकास किया. कॉलेज को एक मॉडल के रूप में विकसित किया. वहां बीएड कोर्स उन्हीं की देन है. स्टेडियम सहित कॉलेज के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते थे. काम के प्रति जिम्मेवार थे. उनकी जघन्य हत्या से मर्माहत हूं. इनके जाने से भूगोल के विद्यार्थियों को काफी धक्का लगा है.
लेखक रांची विवि में पीजी भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष हैं

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