1,343 बूथों पर सुरक्षा की थी कड़ी व्यवस्था
1262 बूथों पर वेब कास्टिंग का था इंतजाम
गुमला : नक्सलियों से मुठभेड़ में पति की शहादत के सात दिन बाद ही लालमणि देवी ने लोकतंत्र के महापर्व में शामिल हो सबको एक संदेश दिया कि लोकतंत्र की मजबूती में ही हमारी भी ताकत है. शनिवार को उन्होंने गुमला के घाघरा प्रखंड स्थित अपने ससुराल चुन्नू गांव में मतदान किया. उल्लेखनीय है कि नक्सलियों ने इस क्षेत्र में वोट बहिष्कार की घोषणा कर रखी थी.
लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के लुकइया में 22 नवंबर को उग्रवादी हमले में दारोगा सुकरा उरांव शहीद हो गये थे. मतदान के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा- मैंने अपने पति को मौत के घाट उतारनेवाले नक्सलियों के खिलाफ मतदान किया है. सरकार दावा करती रही है कि नक्सली हमारे क्षेत्र से खत्म हो गये हैं. मैं सरकार से जानना चाहती हूं कि अगर नक्सली खत्म हो गये हैं, तो ऐसी घटना क्यों घटी? उन्होंने सरकार से अपील की कि वह उनके पति के कातिलों से बदला ले. नक्सलियों को राज्य से उखाड़ फेंके.
नक्सलियों को उखाड़ फेंके सरकार
पति की शहादत के सात दिन बाद ही लालमणि ने नक्सल प्रभावित गांव में वोट कर गोली का जवाब वोट से दिया
22 नवंबर को चंदवा के लुकइया में नक्सली हमले में गुमला के दारोगा सुकरा उरांव शहीद हो गये थे