घाटशिला. भीषण गर्मी से घाटशिला अनुमंडल के लोग परेशान हैं, जहां पारा 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. सड़कें सुबह के 10 बजते-बजते सुनसान हो जा रही हैं. लोग जरूरी कामों के अलावा घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं. स्कूलों में भी इसका असर साफ देखा जा रहा है. बच्चे गर्मी से परेशान है, जिससे उन्हें पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल हो रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी बच्चों को लू और डिहाइड्रेशन से बचाने की सलाह दे रहे हैं. वहीं वर्ष 1961 में स्थापित घाटशिला कॉलेज में प्रचंड गर्मी के बीच कॉलेज परिसर में मात्र दो वाटरकूलर हैं, जो 14,500 अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए नाकाफी हैं. इस कॉलेज में बहरागोड़ा, चाकुलिया, धालभूमगढ़, घाटशिला, गालूडीह और खड़गपुर जैसे क्षेत्रों से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं. शैक्षणिक प्रगति के बावजूद कॉलेज में बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई है.
अव्यवस्था का आलम
पानी टंकी तो है, लेकिन नलों की व्यवस्था नहीं है. विद्यार्थियों ने पंचायत प्रतिनिधि और कॉलेज प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द कम से कम दो और वाटरकूलर व नया टेप लगाया जाए. ताकि गर्मी में पीने के पानी को लेकर किसी को परेशानी न हो.विद्यार्थियों के बोल
इतनी भीषण गर्मी में दो वाटरकूलर से हजारों विद्यार्थियों को पानी मिलना संभव नहीं है. कॉलेज प्रशासन को छात्रों की इस बुनियादी जरूरत पर ध्यान देना चाहिए.सिमाल सोरेन छात्र, सेमेस्टर-3
यह कॉलेज शिक्षा का मंदिर है. क्लास के बाद कभी-कभी पानी के लिए लाइन लगानी पड़ती है. अगर दो और वाटरकूलर लगाया जाए तो बड़ी राहत मिलेगी. कॉलेज प्रशासन को इस दिशा में पहल करने की आवयश्कता है.
ऋषभ आनंद उपाध्याय, छात्र, सेमेस्टर-1
कॉलेज में पेयजल व्यवस्था खराब है. मात्र दो वाटरकूलर है. गर्मी में स्थिति और भी खराब हो रही है. हमारी मांग है कि जल्द वाटरकूलर लगाया जाए.ओम नामाता, छात्रा, सेमेस्टर-1
यहां काफी दूर- दूर से छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं. दो वाटरकूलर से इतने सारे बच्चे पानी पीते हैं. कभी-कभी लंबी लाइन लग जाती है.रोहित मोदक, छात्र
कॉलेज में पानी की टंकी तो है, लेकिन नलों की हालत बेहद खराब है. कई के टेप टूटे हुए हैं, ऐसे में छात्रों को वाटरकूलर ही एकमात्र सहारा है.
स्वयं शर्मा, छात्र
प्रभारी प्राचार्य के बोल
कॉलेज में वर्तमान में दो वाटरकूलर हैं, जिनसे छात्रों को पानी मिल रहा है. अगर दो और वाटरकूलर लगाया जाए, तो गर्मी में विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी. कॉलेज हम सभी का है. जब हम मिलकर प्रयास करेंगे, तभी कॉलेज में सुविधाएं बेहतर होंगी और विद्यार्थियों को एक सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण मिल पायेगा. डॉ पीके गुप्ता, प्रभारी प्राचार्य, घाटशिला कॉलेजडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है