चाकुलिया. चाकुलिया प्रखंड की बड़ामारा पंचायत स्थित मौरबेड़ा गांव निवासी सोमाय किस्कू चार अनाथ बच्चों के नाथ बने हुए हैं. वे मजदूरी कर अपनी संतान समेत सात बच्चों का पालन-पोषण करते हैं. वह प्रतिदिन मजदूरी कर किसी तरह सबका पेट भर पाते हैं. इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. सोमाय अपने तीन छोटे बच्चे हैं. सोमाय ने बताया कि फिलहाल उनके सात बच्चे हैं. वह अपनी पत्नी, मां और सात बच्चों का पालन पोषण प्रतिदिन मजदूरी से प्राप्त पैसों से करते हैं.
पिता की मौत के बाद मां ने दूसरी शादी कर ली :
दरअसल, मौरबेड़ा गांव के दो भाई चरण किस्कू और गुरा किस्कू अनाथ हैं. बचपन में दोनों के सिर से पिता का साया उठ गया. उनकी मां ने दूसरा विवाह कर लिया. वह गांव छोड़कर चली गयी. ऐसे में दोनों भाई की देखरेख दूर के चाचा सोमाय किस्कू करते हैं. अत्यंत गरीबी के कारण गुरा और चरण पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. आठवीं कक्षा तक गांव के स्कूल में पढ़ाई की. नौवीं में चाकुलिया स्थित केएनजे हाई स्कूल में नामांकन कराया. अभाव के कारण स्कूल भी छूट गया.साला के दो बच्चों का सहारा बने :
दूसरी ओर लगभग 2 वर्ष पहले सोमाय के साला का निधन हो गया. उसकी पत्नी ने दूसरा विवाह कर घर छोड़ दिया. उसके छोटे-छोटे दो बच्चे बद्रीनाथ मुर्मू (5 वर्ष) और पानमुनी मुर्मू (4 वर्ष) का पालन-पोषण सोमाय ही करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है