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Navi Mumbai Airport News| धनबाद, शोभित रंजन : धनबाद स्थित केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) की तकनीकी टीम के मदद से नवी मुंबई में बने एयरपोर्ट का उद्घाटन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. यह एयरपोर्ट न सिर्फ देश का, बल्कि पूरे एशिया का एक आधुनिक और हरित विमानन केंद्र बनने जा रहा है. समुद्र और उल्वे नदी के बीच 92 मीटर ऊंचे उल्वे हिल को काटकर बनाया गया यह एयरपोर्ट भारत की इंजीनियरिंग दक्षता व वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक है.
1160 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है एयरपोर्ट
सिंफर के वैज्ञानिकों ने इस परियोजना में पर्वतीय क्षेत्र की स्थिरता और पर्यावरणीय संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उन्नत तकनीकी सहयोग किया है. लगभग 1160 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस एयरपोर्ट को अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स और सिडको महाराष्ट्र लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के रूप में विकसित किया गया है.
एयर गेटवे टू द वर्ल्ड के रूप में उभरेगा एयरपोर्ट
उद्घाटन के बाद यह एयरपोर्ट भारत के ‘एयर गेटवे टू द वर्ल्ड’ के रूप में उभरेगा. इस परियोजना से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 2 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे. यहां यात्रियों को अब पहली उड़ान पर ही इमिग्रेशन क्लियरेंस की सुविधा मिलेगी.
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पहाड़ काटने से रन-वे बनाने तक में रहा सिंफर का सहयोग
सिंफर के प्रमुख वैज्ञानिक व तकनीकी टीम के हेड डॉ मुरारी पी रॉय के नेतृत्व में उनकी टीम ने उल्वे हिल की 92 मीटर ऊंचाई को सुरक्षित रूप से काटने के लिए विशेष तकनीक तैयार की. टीम ने मिट्टी, चट्टान और संरचनात्मक स्थिरता का गहन परीक्षण कर यह सुनिश्चित किया कि रनवे व टर्मिनल निर्माण के दौरान कोई भूस्खलन या अस्थिरता न हो.
Navi Mumbai Airport News: सिंफर और सिडको के बीच 2017 में हुआ था एमओयू
इसके लिए सिंफर और सिडको के बीच वर्ष 2017 में एमओयू हुआ था, जिसके बाद से सिंफर इस परियोजना में निरंतर तकनीकी सलाह दे रहा है. सिंफर की मदद से यह एयरपोर्ट आज न सिर्फ स्थायी ढांचे का उदाहरण बना है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी सुरक्षित है.
कमल से प्रेरित एयरपोर्ट ग्रीन बिल्डिंग मानकों की मिसाल बनेगा
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का डिजाइन कमल के फूल से प्रेरित है, जो भारतीय संस्कृति और आधुनिक इंजीनियरिंग का अनोखा संगम दर्शाता है. यह एयरपोर्ट पहले चरण में 2 करोड़ यात्रियों और 8 लाख टन कार्गो की क्षमता रखता है. पूरा होने पर यह आंकड़ा बढ़कर 9 करोड़ यात्रियों और 30 लाख टन कार्गो तक पहुंच जायेगा. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर तैयार यह एयरपोर्ट ऊर्जा दक्षता, डिजिटलीकरण और ग्रीन बिल्डिंग मानकों के लिए भी मिसाल बनेगा.
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