- 101 लीटर गंगाजल से कराया गया स्नान
- 11 लीटर बाबा के नीर भी पार्थिव शरीर पर डाला गया
- 04 क्विंटल बेल की लकड़ी से बनी चिता
- 1 क्विंटल चंदन की लकड़ी का भी हुआ इस्तेमाल
- 5000 से अधिक लोग शामिल हुए अंतिम यात्रा में
- लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 46 साल बाद मिली थी सरदार पंडा की गद्दी
- मात्र 321 दिन कुर्सी पर विराजमान रहे अजीतानंद ओझा
- 85 साल की उम्र में हुआ निधन
- सदर अस्पताल में सुबह 7:30 बजे किया मृत घोषित
- मंदिर प्रांगण में रखा गया था अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर
- ढोल-बाजे के साथ निकली शव शोभायात्रा
- जय शिव, धर्म की जय से गूंजा बाबा मंदिर की गली
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बाबा बैद्यनाथधाम के सरदार पंडा अजीतानंद ओझा नहीं रहे
देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर के 10वें सरदार पंडा अजीतानंद ओझा का मंगलवार की सुबह निधन हो गया. वे 85 वर्ष के थे. सरदार पंडा के निधन की खबर मिलते ही देवघर शोक में डूब गया. पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए लाेगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मानसराेवर तट पर उनका अंतिम संस्कार किया […]
देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर के 10वें सरदार पंडा अजीतानंद ओझा का मंगलवार की सुबह निधन हो गया. वे 85 वर्ष के थे. सरदार पंडा के निधन की खबर मिलते ही देवघर शोक में डूब गया. पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए लाेगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मानसराेवर तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. दिवंगत अजीतानंद ओझा को लंबे संघर्ष व कानूनी लड़ाई के बाद सरदार पंडा की गद्दी मिली थी.
321 दिनों तक सरदार पंडा की कुर्सी पर विराजमान रहे. मंगलवार की सुबह करीब सात बजे वे अपने बिस्तर पर बैठ कर चाय पीते हुए अपने पोते से बात कर रहे थे. इसी क्रम में अचानक बेहोश हो गये. इसके बाद उनके छोटे पुत्र सच्चिदानंद ओझा ने मंदिर उपस्वास्थ्य केंद्र से तुरंत ऑक्सीजन मंगा कर लगवाया. इसके बाद सदर अस्पताल ले गये. सदर अस्पताल पहुंचने पर सुबह करीब साढ़े सात बजे डॉक्टरों ने सरदार पंडा अजीतानंद ओझा को मृत घोषित कर दिया. इसकी खबर मिलते ही लोग मंदिर परिसर स्थित उनके आवास में अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने लगे. वे अपने पीछे पत्नी, चार बेटा सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गये.
प्रशासनिक अधिकारियों की व्यवस्था : सरदार पंडा के निधन की सूचना मिलने पर डीसी राहुल सिन्हा, एसी अंजनी कुमार दुबे, एसपी नरेंद्र कुमार सिंह सहित कई अधिकारी मंदिर पहुंचे. डीसी ने परंपरा के बारे में जानकारी लेने के बाद सरदार पंडा के अंतिम संस्कार स्थल मानसरोवर तट स्थित पीपल के पेड़ के पास अंतिम संस्कार की व्यवस्था करायी. साथ ही डीसी के निर्देश पर सहायक प्रभारी दीपक मालवीय ने जरूरी सामान उपलब्ध कराये.
बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि
परंपरा के अनुसार सरदार पंडा अजीतानंद ओझा का अंतिम संस्कार किया गया. सबसे पहले पार्थिव शरीर को उनके आवास से बाबा मंदिर के सामने स्थित मुंडन स्थल पर रखा. वहां इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने विधि पूर्वक मंत्रोच्चार के साथ ज्येष्ठ पुत्र ने पार्थिव शरीर को स्नान कराया. उसके बाद उनको रेशमी आदि पहनाने के बाद माला चंदन आदि अर्पण कर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. दोपहर करीब दो बजे से मंदिर से शव यात्रा निकली. बाबा मंदिर का परिक्रमा कराते हुए मानसरोवर ले जाया गया. बड़े पुत्र गुलाबनंद ने मुखाग्नि दी.
शाही अंदाज में मानसराेवर तट पर हुआ अंतिम संस्कार
गुलाबनंद ओझा होंगे अगले सरदार पंडा
सरदार पंडा अजितानंद ओझा के शव का अंतिम संस्कार से पहले सरदार पंडा के वंशज एकजुट होकर गद्दी घर पहुंचे. वहां परिवार की ओर से पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष डॉ सुरेश भारद्वाज ने बताया कि दिवंगत के सबसे बड़े बेटे गुलाबनंद ओझा अगले सरदार पंडा होंगे. संस्कार कर्म पूरा होने के बाद विशेष तिथि तय कर ताजपोशी की जायेगी.
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