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राशन कार्ड देखकर भी अगर देते अनाज, तो जिंदा होता मिठू आज
देवघर : शहर के अांबेडकर नगर मुहल्ले में गुरुवार को मिठू महथा की मौत पर कई सवाल खड़े हो गये हैं. पीडीएस डीलर के पास 30 किलो चावल लेने गये मिठू की राशन दुकान में मौत हो गयी. मिठू की मां फुलिया देवी का आरोप है कि वह अपने पोते के साथ चावल लेने गयी, […]
देवघर : शहर के अांबेडकर नगर मुहल्ले में गुरुवार को मिठू महथा की मौत पर कई सवाल खड़े हो गये हैं. पीडीएस डीलर के पास 30 किलो चावल लेने गये मिठू की राशन दुकान में मौत हो गयी. मिठू की मां फुलिया देवी का आरोप है कि वह अपने पोते के साथ चावल लेने गयी, तो डीलर ने मना कर दिया व कार्डधारी मिठू को बॉयोमिट्रीक मशीन में अंगूठा लेने के लिए साथ लेकर आने को कहा.
मिठू के साथ दुकान में पहुंचकर अंगूठा देने के बाद जब चावल मांगी तो डीलर रीता देवी व उनके पति रितेश सिंह ने मिठु को धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गयी. अब सवाल उठ रहा है अगर मिठू बीमार थे तो उन्हें जबरन डीलर द्वारा क्यों दुकान में बुलाया गया. कुछ माह पहले झरिया व मोहनपुर में कथित भूख से हुई मौत के बाद विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी कर कहा है कि वृद्ध व मजदूरों का अंगूठा काम से घिस जाता है.
ऐसी परिस्थिति में डीलर अपने पास एक अपवाद रजिस्टर रखेंगे. डीलर राशन कार्ड देख कर लाभुक को अनाज दे देंगे. अगर बॉयोमिट्रीक मशीन में सिग्नल भी नहीं मिल रहा है, तो भी राशन कार्ड देख कर पंजी में नाम व अनाज वितरण का समय इंट्री कर लाभुक को अनाज देना है. बाद में इसका सत्यापन एमओ व डीएसओ द्वारा किया जायेगा. अब सवाल यह उठता है कि क्या डीलर ऐसा अपवाद रजिस्टर रखकर इस सिस्टम के तहत काम किया था. इसकी जांच होने से सच्चाई सामने आयेगी.
एक ही छत के नीचे चलती है दो दुकानें
आंबेडकर नगर स्थित एक ही मकान के छत के नीचे मां तारा स्वयं सहायता समूह की संचालिका रीता देवी व इंदू देवी का राशन दुकान चलता है. जहां राशन वितरण को लेकर दिन भर भीड़ लगी रहती है. वहीं कम अनाज मिलने पर उपभोक्ता व डीलर के बीच किचकिच होती रहती है. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक छत के नीचे दो दुकान किस हालात में संचालित होती होगी.
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा
प्रत्यक्षदर्शी कार्डधारी गुंजरी देवी ने बताया कि पहले क्या हुआ नहीं मालूम. मेरे सामने मिठू की मां मिठू को लेकर डीलर के यहां पहुंची थी. मिठू को 25 किलो व 15 किलो उसकी मां को खाद्यान्न देने के बाद उसे रिक्शा में बैठाया. उसके कुछ ही देर बाद सड़क पर उसकी मौत हो गयी. जबकि उनलोगों से पहले मेरा नंबर था. बीमार होने की बात कह कर उसे अनाज पहले दिया गया.
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