एक को सात साल की सश्रम सजा, दो को मिला संदेह का लाभ
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माले नेता की हत्या के दोषी को सश्रम उम्रकैद
एक को सात साल की सश्रम सजा, दो को मिला संदेह का लाभ सेशन जज तीन विजय कुमार की अदालत से नौ साल बाद आया फैसला मोहनपुर थाना क्षेत्र के बाघमारी के पास आठ अक्तूबर 2008 को हुई थी घटना देवघर : मोहनपुर थाना क्षेत्र के बाघमारी गांव में खान-पान के मामूली विवाद में माले […]
सेशन जज तीन विजय कुमार की अदालत से नौ साल बाद आया फैसला
मोहनपुर थाना क्षेत्र के बाघमारी के पास आठ अक्तूबर 2008 को हुई थी घटना
देवघर : मोहनपुर थाना क्षेत्र के बाघमारी गांव में खान-पान के मामूली विवाद में माले नेता राजेश्वर दास की हत्या मामले में पांच आरोपितों में एक मटरू दास को दोषी पाकर सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर एक साल साधारण कैद की सजा काटनी होगी. साथ ही मटरू दास की पत्नी प्रमीला देवी को हत्या के प्रयास का दोषी पाकर सात साल की सश्रम सजा दी गयी. इस आरोपित को पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.
जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह माह साधारण जेल की सजा काटनी होगी. इस मामले के दो अारोपितों पंचानन दास व नरेश दास को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया. एफआइआर में दर्ज एक आरोपित को जुबेनाइल घोषित कर दिये जाने से अलग ट्रायल हुआ. ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल 13 लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी व दोष सिद्ध करने में सफल रहे. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से एडवोकेट गोपाल शर्मा ने बहस में हिस्सा लिये. यह मुकदमा मृतक की पत्नी फूलमणि देवी ने मोहनपुर थाना में दर्ज कराया था.
जिन्हें मिली सजा
मटरू दास- सश्रम उम्रकैद
प्रमीला देवी- सश्रम सात वर्ष
जो हुए रिहा
पंचानन दास व नरेश दास
आठ अक्तूबर 2008 को हुई थी घटना
मोहनपुर हाट से राजेश्वर दास अपने घर लौट रहा था. वह अपने घर बाघमारी के पास पहुंचा, जहां पर खान-पान की बात चल रही थी. इसी बात को लेकर राजेश्वर दास के माथे पर लाठी मार दिया जिससे वह गिर गया. पश्चात घातक औजार से गर्दन पर वार किया, जिससे गर्दन पर गहरा जख्म हो गया व उनकी मौत हो गयी. आरोपितों ने मृतक की पत्नी पर भी जानलेवा हमला कर जख्मी कर दिया. इस संबंध में फूलमणि देवी के बयान पर मोहनपुर थाना में एफआइआर दर्ज किया गया जिसमें पांच लोगों को नामजद किया गया. इसमें से एक नाबालिग होने के चलते अलग ट्रायल हुआ. शेष चार आरोपितों में से दो की संलिप्तता नहीं पायी गयी. हत्या का दोषी मटरू दास को करार दिया गया व उनकी पत्नी को जानलेवा हमला का दोषी पाकर उक्त सजा दी गयी व जुर्माना लगाया गया. यह घटना 8 अक्तूबर 2008 को घटी थी.
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