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पानी रोकने को बनेंगे छह डैम रिपोर्ट तैयार, दिसंबर तक डीपीआर

जीएसआइ को सौंपी जायेगी रिपाेर्ट देवघर : संताल परगना के पठारी क्षेत्रों से बरसात के पानी को गंगा व अन्य नदियों के जरिये बाहर निकलने से रोका जायेगा. केंद्रीय जल आयोग व जियाेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने संताल परगना की नदियों में छह डैम बनाने की योजना पर काम तेज कर दी है. […]

जीएसआइ को सौंपी जायेगी रिपाेर्ट

देवघर : संताल परगना के पठारी क्षेत्रों से बरसात के पानी को गंगा व अन्य नदियों के जरिये बाहर निकलने से रोका जायेगा. केंद्रीय जल आयोग व जियाेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने संताल परगना की नदियों में छह डैम बनाने की योजना पर काम तेज कर दी है. जिन प्रमुख नदियों पर जहां डैम बनाये जायेंगे, उसमें बांसलोई नदी पर पौड़ेयाहट प्रखंड स्थित असना लोअर, आमड़ापाड़ा अपर, सरैयाहाट प्रखंड के मोतिहारा नदी पर कालीपुर में, जरमुंडी-जामा के बीच जमनुियां में, सारठ के भुरभुरी में व जरमुंडी-जामा के बीच विशनपुर में डैम बनेगा. सीडब्ल्यूसी व जीएसआइ ने संयुक्त रूप से सर्वे का काम पूरा कर लिया है. सीडब्ल्यूसी ने
पानी रोकने को….
फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली है, अब यह रिपाेर्ट जीएसआइ को सौंप दी जायेगी. शनिवार को गोड्डा के सांसद निशिकंत दुबे ने देवघर सर्किट हाउस में दोनों टीम के अधिकारियों के साथ सर्वे की पूरी समीक्षा की. इस दौरान डैम से किन-किन क्षेत्रों में खेतों तक पानी पहुंचेगा व कितना एरिया प्रभावित होगा, इसकी विस्तृत समीक्षा हुई. सांसद ने कहा कि बनने वाले छह डैम से अधिक से अधिक गांव को बचाना है, ताकि कम से कम लोग विस्थापित हो सके. टीम में शामिल सीडब्ल्यूसी के अधीक्षण अभियंता अभय कुमार ने बैठक में कहा कि इस प्रोजेक्ट में बहुत कम लोग ही विस्थापित होने वाले हैं. छह डैम से 80 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को पानी मिलेगा. सभी छह डैम का डीपीआर दिसंबर तक बना लिये जायेंगे. डीपीआर की स्वीकृति मिलने के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से इन परियोजनाओं पर काम चालू कर दिया जायेगा. बैठक में सीडब्ल्यूसी के कार्यपालक अभियंता प्रकाश चंद्र व कनीय अभियंता भूवनचंद्र थे. दो दिन पहले मुख्य अभियंता आरएस राम, जीएसआइ के निदेशक टीबी घोषाल सर्वे कर लौट गये.
80 हजार हेक्टेयर भूमि को मिलेगा पानी
समझौते के अनुसार बंगाल को देना होगा पानी : दुबे
गोड्डा सांसद निशिकांत दुुबे ने कहा कि 46 वर्ष पहले बंगाल सरकार ने तत्कालीन बिहार सरकार से मसानजोर, मैथन व पंचेत डैम से पानी बिहार के हिस्से में देने पर समझौता किया था. बंगाल सरकार ने समझौते के अनुसार पानी नहीं दिया व बिजली का भी उपयोग बंगाल सरकार कर रही है. ऐसा ही बिहार सरकार को चांदन डैम से गोड्डा को पानी देना था, लेकिन पानी नहीं दिये जाने पर हाइकाेर्ट जाना पड़ा. अब बंगाल सरकार समझौते के अनुसार पानी नहीं देती है, तो हाइकाेर्ट में अपील की जायेगी. उन्होंने कहा कि संताल परगना के पठारी इलाकों के पानी को राेकने
समझौते के अनुसार….
के लिए छह डैम का डीपीआर सीडब्ल्यूसी दिसंबर तक बनायेगी. डीपीआर बनाने का खर्च राज्य सरकार देगी. केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से योजना पर काम होगा. इस योजना से पानी की बर्बादी रुकेगी व हर खेत को पानी मिलेगा.

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